मध्यप्रदेश में मुख्यत: बॉक्साइट, चूना-पत्थर, लौह अयस्क, हीरा, कोयला, डोलोमाइट, तांबा अयस्क, मैंगनीज अयस्क, राक फॉस्फेट आदि पाये जाते हैं। यह एक खनिज समृद्ध राज्य है। 20 प्रकार के खनिजों का उत्पादन करता है। प्रदेश का कोयले के सकल उत्पादन में देश में चौथा स्थान है। राज्य की अर्थव्यवस्था में खनन एवं उत्खनन क्षेत्र का योगदान वर्ष 2016 के आंकड़ों के अनुसार 4.47 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश के प्रमुख खनिज संसाधन नीचे दिये गये हैं।
मध्यप्रदेश के प्रमुख खनिज संसाधन
लोह अयस्क– इस राज्य में पाया जाने वाला लौह अयस्क उच्च गुणवत्ता वाला होता है, इसमें लोहा लगभग 67 प्रतिशत होता है। मंडला, बालाघाट, झाबुआ, ग्वालियर व जबलपुर में लौह अयस्क के भंडार है। हेमेटाईट अयस्क के भंडार जबलपुर में हैं, जबकि लेटेराइट लौह अयस्क विदिशा, उज्जेन, शाजापुर, शिवपुरी, मंदसौर, धार व झाबुआ में पाया जाता है।
कोयला– प्रदेश कोयले के उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आता है। कोयला मुख्य रूप से निचली गोंडवाना चट्टानों में पाया जाता है। मध्यप्रदेश में कोयला मुख्य रूप से सोहागपुर (सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र), जोहिला (उमरिया), सिंगरौली, गुरूमुडा, पेंच व कान्हा घाटी में पाया जाता है। मध्यप्रदेश कोयले के उत्पादन में चौथे स्थान पर है, जिसका कुल भंडार 28 बिलियन टन है।
मैंगनीज– यह मध्यप्रदेश के बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों में मुख्य रूप से पाया जाता है। प्रदेश में सम्पूर्ण देश का 27 प्रतिशत मैंगनीज उत्पादन एवं 14 प्रतिशत भण्डारण उपलब्ध है। एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी मैंगनीज खदान बालाघाट जिले में ‘भारवेली’ संचालित है, जो कि सबसे बड़ी भूमिगत खदान है। देश में मैंगनीज के कुल उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान लगभग 50 प्रतिशत हे। मैंगनीज का उपयोग मुख्य रूप से रासायनिक उद्योग और सूखी बैटरियों में किया जाता है।
अभ्रक– इसके उत्पादन में भारत का विश्व का प्रथम स्थान है। देश में सर्वाधिक भण्डार आन्ध्रप्रदेश में हैं। यह एक प्रकाश स्तरित चमकीली धातु है। यह प्रदेश में बालाघाट, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, झाबुआ, मंदसौर, नरसिंहपुर, शहडोल, सीधी और टीकमगढ़ में पाया जाता है। इसका उपयोग दवा, बिजल, कार, टेलीफोन, लालटेन और चिमनी में किया जाता है।
प्रदेश के अन्य प्रमुख खनिज अयस्क–
बाक्साइट- यह एल्युमीनियम का अयस्क है। राज्य में बॉक्साइट भंडार मुख्य रूप से बालाघाट, मंडला, शहडोल और कटनी के पठारी क्षेत्र में पाए जाते हैं। मध्यप्रदेश में भारत का 44 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पादित होता है। कटनी और सतना जिलों का बॉक्साइट उच्च श्रेणी का है।
तांबा– मध्यप्रदेश में देश का 51 प्रतिशत तांबा उत्पादित किया जाता है। भंडार 144 मिलियन टन है। प्रदेश के बालाघाट, जबलपुर, सागर होशंगाबाद, नरसिंहपुर, देवास, ग्वालियर, शहडोल, शिवपुरी, सीधी और छतरपुर क्षेत्रों में तांबा का उत्पादन किया जाता है। बालाघाट जिले में स्थित मलाजखंड, देश की सबसे बड़ी खुली कास्ट कॉपर अयस्क खदान है। यह 170 मीटर लम्बी और 20 मीटर चौड़ी पट्टी है, जिसमें उच्च कोटि का तांबा पाया जाता है।
चूना पत्थर– इसके उत्पादन में राज्य का द्वितीय स्थान तथा भण्डारण में 7 वां स्थान है। यह निर्माण, धातु उद्योग और रासायनिक उद्योग के लिए एक प्रमुख सामग्री है। जिन चट्टानों में मैग्नीशियम कार्बोनेट होता है, उस चूने के पत्थर को डोलोमाइट कहते हैं। यह मुख्य रूप से ग्वालियर, नरसिंहपुर, सीधी, सतना, रीवा, दमोह, कटनी, सागर, पन्ना, मुरैना और नीमच जिलों में पाया जाता है।
डायमंड (हीरा)– मध्यप्रदेश को देश की एकमात्र हीरे की खान छतरपुर में होने पर गर्व है। देश का प्रथम हीरा संग्रहालय मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में निर्मित किया गया है। पन्ना (मझगवां) में ‘उथले हीरे की खान’ और सतना जिले से 400 कैरेट के हीरे का उत्पादन किया जा रहा है। यहां, हीरे का बेल्ट 90 किमी लम्बा और 15 किमी चौड़ा है।
अन्य प्रमुख खनिज
टंगस्टन– यह राज्य के होशंगाबाद के अग्रगांव में पाया जाता है जो कि ‘बुल्फरामाइट’ के रूप में प्राप्त होता है। इसका उपयोग बिजली के बल्ब और लोहे के उत्पादन में प्रयोग किया जाता है।
फायरक्ले– यह मुख्य रूप से शहडोल, ग्वालियर, कटनी, जबलपुर, सीधी, बैतूल, छिंदवाड़ा, पन्ना और सागर जिलों में पाया जाता है।
संगमरमर– मध्यप्रदेश में मटमैले रंग का संगमरमर कटनी श्रृखंला से, सफेद संगमरमर जबलपुर श्रृंखला से, लाल व हरा ग्वालियर से एवं सिवनी-बैतूल से रंगीन संगमरमर उत्पादित किया जाता है।
प्रदेश के खनिज एवं उनके उत्पादक जिले–
क्र. | खनिज | प्रमुख उत्पादक जिले |
1 | कोयला | शहडोल, छिंदवाड़ा, सिंगरौली, होशंगाबाद, बैतूल। |
2 | बॉक्साईट | मंडला, जबलपुर, रीवा, सतना, शहडोल, सीधी। |
3 | तांबा | बालाघाट, कटनी, होशंगाबाद, सागर । |
4 | लौह अयस्क | बालाघाट, मंडला, जबलपुर, विदिशा। |
5 | मैंगनीज | बालाघाट, छिंदवाड़ा, झाबुआ। |
6 | हीरा | पन्ना, सतना, जबलपुर । |
7 | चूना पत्थर | जबलपुर, मंदसौर, सतना, कटनी । |
8 | डोलोमाइट | बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, जबलपुर। |
9 | ग्रेफाइट | बैतूल |
10 | टंगस्टन | आगरगांव (होशंगाबाद) । |
11 | एस्बेस्टस | बालाघाट, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, झाबुआ, मंदसौर। |
12 | अभ्रक | बालाघाट, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, झाबुआ । |
13 | चीनी मिट्टी | कटौली(रीवा), नवगांव(ग्वालियर)। |
14 | ग्रेनाईट | पन्ना, छतरपुर, सागर, दतिया । |
नये खोजे गये खनिज क्षेत्र
क्र. | खनिज | क्षेत्र |
1 | सोना | सीधी, कटनी, शहडोल |
2 | निकिल | सीधी |
3 | तांबा | शहडोल |
4 | प्लेटिनम | बैतूल |
5 | पैलेडियम | बैतूल |
मध्यप्रदेश के प्रमुख खनिज संसाधन से संबधित प्रमुख तथ्य-
- इंदौर जिले में बड़े पैमाने पर रतनजोत (जेट्रोफा) की खेती की शुरूआत बायो डीजल बनाने के लिये शुरू की गई है।
- कटनी के स्लमनाबाद में मार्बल हब का स्टोन पार्क बनाया जा रहा है।
- ‘कोरण्डम’ सिंगरौली के ग्राम पिपरा से प्राप्त हुआ है।
- रिलायंस इण्डस्ट्री को शहडोल के सोहागपुर कोयला क्षेत्र में कोलबेड मीथेन के भंडार प्राप्त हुए है।
- मध्यप्रदेश में राज्य खनिज विकास निगम की स्थापना 19 जनवरी, 1962 को हुई थी।
- राज्य की पहली खनिज नीति 1995 ई. में घोषित की गई थी। जबकि नई खनिज नीति 2010 में घोषित। इसका उद्देश्य ‘प्राइवेट एण्टरप्राइसेज का खनिज में प्रवेश’।
- मध्यप्रदेश में सर्वाधिक कोयला गोंडवाना शैलतंत्र से प्राप्त होता है।
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