किसी भी जीव को जीवित रहने के लिये पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, इन पोषक तत्वों को ग्रहण करने के पश्चात् पाचन एवं अवशोषण से जो ऊर्जा निकलती है, वह शारीरिक वृद्धि, ऊतकों के नवीनीकरण आदि क्रियाओं में सहायक होती है, यह Poshan, Aahar aur Poshaktatva की पूरी प्रक्रिया होती है, पोषण कहलाती है। पोषण तत्वों के मुख्यत: 07 प्रकार होते हैं-
- कार्बोहाइड्रेट
- प्रोटीन
- लिपिड (बसा)
- विटामिनस
- दूध
- जल
- खनिज लवण
सीरियल क्र. 01 से लेकर 05 तक कार्बनिक यौगिक हैं, जबकि 06 व 07 अकार्बनिक यौगिक हैं। कार्बोहाइड्रेट और बसा हमारे शरीर के ऊर्जा उत्पादक है, जबकि ‘प्रोटीन’ हमारे शरीर का निर्माण करते हैं। इसके अलावा विटामिन्स, जल और खनिज लवण शरीर की उपापचय क्रियाओं का नियंत्रण एवं नियमन करते हैं।
Poshan Aahar aur Poshaktatva
कार्बोहाइड्रेट-
- यह कार्बन, हाइड्रोजन और आक्सीजन के बने होते हैं।
- यह मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-
- मोनो सैकेराइड, Ex. Glucose, GA lactose.
- डाई सैकेराइड, Ex. Sucrose, Lactose, Maltose.
- पाली सैकेराइड, Ex. Starch, Glycogen etc.
- यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- एक व्यक्ति के भोजन में प्रतिदिन 1700 किलो कैलोरी कार्बोहाइड्रेट होना चाहिये।
- यह डीएनए और आरएनए के घटक होते हैं।
- आलू, शकरकंद, गेंहू और चावल आदि में पाया जाता है।
- मंड (स्टार्च) और सैलुलोज, कार्बोहाइड्रेट्स हैं।
प्रोटीन-
- यह कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन एवं नाइट्रोजन से बने होते हैं।
- शरीर की वृद्धि एवं ऊतकों के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
- अमीनो अम्ल प्रोटीन का मुख्य एकलक अवयव है।
- मानव के शरीर में 20 प्रकार के अमीनो अम्ल पाये जाते हैं।
- ‘अल्फाक्रेटिन’ नामक प्रोटीन से मानव के नाखून, बाल और जानवरों के सींग बने होते हैं।
बसा-
- बसा मुख्यत: कार्बन, आक्सीजन व हाइड्रोजन के बने होते हैं।
- इसको दो भागों में बांटा जा सकता है- संतृप्त बसा व असंतृप्त बसा।
- यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- इनका संश्लेषण ‘माइट्रोकाण्ड्रिया’ में होता है।
- एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 50 से 80 ग्राम तक बसा लेनी चाहिये ।
- हमारे शरीर के अंगों को चोटों से बचाती है।
- यह त्वचा के नीचे जमा होकर शरीर के ताप को बाहर नहीं निकलने देती है।
- इसकी कमी से त्वचा रूखी, वजन कम और शारीरिक विकास रूक जाता है।
विटामिन्स-
- केसिमर फंक ने वर्ष 1911 ई. में विटामिन की खोज की थी।
- ‘विटामिन बी और सी’ जल में घुलनशील होते हैं।
- इसके अलावा विटामिन्स ए, डी, ई, और के बसा में घुलनशील होते हैं।
Poshan Aahar aur Poshaktatva
क्र. | विटामिन | रासायनिक नाम | कमी से होने वाले रोग | अन्य विवरण/ स्त्रोत |
1 | A | रैटिनॉल | रतौंधी, जीरोप्थैलमिया, त्वचा की कोशिकाओं में परिवर्तन | गाजर, हरी सब्जियां, दूध, मक्खन, अंडा, मछली का तेल आदि। |
2 | B1 | थायमीन | बेरी-बेरी, वृद्धि रूकना। | अनाज, फलियां, सोयाबीन, दूध आदि। |
3 | B2 | राइबोफ्लोबिन | कीलोसिस | पनीर, अंडे, मांस, हरी पत्तेदार सब्जियां । |
4 | B3 | नियासिन/ निकोटिन | पेलाग्रा | ईस्ट, मछली, मांस, अंउे व दूध । |
5 | B5 | पैंटोथेनिक अम्ल | चर्मरोग, बुद्धि कम और बालों का सफेद होना | अण्डे, दूधा, मांस एवं मूंगफली । |
6 | B6 | पाइरीउाक्सिन | एनीमिया, कुंठित बुद्धि | हरी सब्जियां, फलियां, ईस्ट, मांस, अंडे। |
7 | B12 | साइबोकोबालमिन | घातक रक्तक्षीणता, तंत्रिका तंत्र गड़बडि़यां | मांस, मछली, अंडे, दूध और आंत्र के जीव। |
8 | C | एस्कार्बिक अम्ल | स्कर्वी रोग | आंवला, नींबू, टमाटर आदि। |
9 | D | कैल्सिफेराल | सूखा रोग, रिकेटस | मक्खन, मछली, अंडा, सूर्य का प्रकाश। |
10 | E | टोकोफेरोल | जनन क्षमता की कमी, जननांग तथा पेशियां कमजोर | तेल, गेहूं, अंडे की जर्दी, सोयाबीन |
11 | K | फिलोक्विनान | चोट पर थक्का न जमना | हरी सब्जियां, अंडा सोयाबीन आदि। |
दूध-
- यह एक पूर्ण आहार है, जो कि सभी अवस्थाओं के लिये उपयुक्त है।
- दूध में 87 प्रतिशत जल, बसा, प्रोटीन, कैल्शियम व पोटेशियम आदि तत्व पाये जाते हैं।
- दूध का सफेद रंग कैसीन प्रोटीन के कारण होता है।
- रैनिन, दूध को पचाने वाला एंजाइम है।
- दूध के हल्के पीले रंग का होने का प्रमुख कारण बेटाकेराटिन अम्ल का होना है।
- लैक्टिक अम्ल दूध को दही में बदलने का काम करता है।
- लैक्टोबैलिसस दूध को खट्टा बनाता है।
जल-
- मानव के शरीर में 70 प्रशित जल पाया जाता है।
- मानव की हड्डियों में 20 प्रतिशत जल पाया जाता है।
- स्वास्थ्य शरीर को प्रतिदिन 3-5 लीटर जल का सेवन करना चाहिये।
- यह आहार का महत्वपूर्ण घटक है जो कि भोजन के पाचन और अवशोषण में सहायता करता है।
- रासायनिक क्रियाओं में यह विलायक के रूप में कार्य करता है।
- सभी जीवों के शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।
- हमारे शरीर से आंसु, मूत्र, पसीना व मल के रूप में अवशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है।
- जल की कमी के कारण हमारे शरीर में निर्जलीकरण, रक्तचाप का गिरना आदि समस्याएं आती हैं।
खनिज लवण-
हमारे शरीर में मुख्यत: 24 प्रकार के खनिज लवण पाये जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख खनिज लवण जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम क्लोराइड, सोडियम, पोटेशियम, आयरन, आयोडीन एवं जिंक हैं, जो हमारे शरीर के लिये अत्यंत आवश्यक हैं। इनका विस्तृत विवरण इस प्रकार है-
कैल्शियम-
- मानव शरीर में 99 प्रतिशत कैल्शियम का उपयोग अस्थियों, पेशियों और नरम ऊतकों के निर्माण में किया जाता है।
- वयस्क व्यक्ति के शरीर में 1000 से 1200 ग्राम व बच्चों में 28 ग्राम तक कैल्शियम पाया जाता है।
- यह दांतों के निर्माण एवं रक्त के थक्का जमाने में सहायता करता है।
- सभी दूध के उत्पादों, मछलियों के तेल में पाया जाता है।
Poshan Aahar aur Poshaktatva (फास्फोरस)–
- फास्फोरस हमारे शरीर में अम्ल व लवण के रूप में पाया जाता है।
- मानव के शरीर में अस्थियों व दांतों मे पाया जाता है।
- एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 400 ग्राम से 700 ग्राम तक फास्फेट के रूप में पाया जाता है।
- कैल्शियम के बाद यह मानव के शरीर में दूसरे स्थान पर सर्वाधिक पाया जाता है।
- दूध, अंडे, मांस व मछली से प्राप्त किया जा सकता है।
मैग्नीशियम-
- यह मानव शरीर की अस्थियों में लगभग 25 ग्राम तक पाया जाता है।
- मानव शरीर में एंजाइमों को उत्तेजित करने का काम करता है।
- इसकी कमी के कारण हायपरमिया, क्वाशियोकर नामक रोग हो जाता है।
सोडियम क्लोराइड (नमक)-
- यह मानव शरीर के लिये अत्यंत आवश्यक है।
- इसकी कमी से शरीर में अकड़न और रक्तचाप कम हो जाता है।
- एक सामान्य व्यक्ति को प्रतिदिन 10-15 ग्राम नमक खाना चाहिए।
- सोडियम-
- यह एक महत्वपूर्ण खनिज है।
- सामान्य व्यक्ति के शरीर में 100 ग्राम सोडियम आयनिक रूप में पाया जाता है।
पोटेशियम-
- मानव शरीर में पोटेशियम आयन के रूप में पाया जाता है।
- यह शरीर की लाल रक्त कणिकाओं में 250 ग्राम तक पाया जाता है।
- इसकी कमी होने पर शरीर में कमजोरी आती है और लकवा मार जाता है।
Poshan Aahar aur Poshaktatva (आयरन)-
- मानव शरीर में 4-5 ग्राम आयरन की मात्रा पायी जाती है, जो कि लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाता है।
- इसकी कमी से एनीमिया नामक रोग हो जाता है।
- इसके प्रमुख स्त्रोत अनाज, फलियां, हरे पत्ते वाली सब्जियां, पालक, मांस, मछली व अंडे आदि हैं।
आयोडीन–
- आयोडीन, थायरोक्सिन का महत्वपूर्ण घटक है।
- इसकी कमी से घेंघा रोग, बौद्धिक क्षमता का विकास आदि हो जाते हैं।
- पोटेशियम आयोडाइड के रूप में हमे आयोडीन की प्राप्ति होती है।
- प्रमुख स्त्रोत- समुद्री मछली व समुद्री पानी आदि ।
जिंक-
- यह मानव शरीर के सभी ऊतकों में उपस्थित होता है।
- अस्थि, दांत तथा पेंक्रियाज में 1.4 से 2.3 ग्राम पाया जाता है।
- इसकी कमी से एनीमिया, लैगिंक अपरिपक्वता व बौनापन आदि रोग हो जाते हैं।
Poshan Aahar aur Poshaktatva से संबधित प्रमुख तथ्य-
- विटामिन बी और सी शरीर में रूकते नहीं है। क्योंकि वह जल में घुलनशील होते हैं।
- विटामिन्स का निर्माण हमारे शरीर में नहीं होता है।
- बसा से सबसे अधिक मात्रा में कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
- मानव के शरीर में लोहे/ आयरन का अवशोषण करने के लिये विटामिन सी मदद करता है।
- विटामिन बी1 की कमी से होने वाला रोग बेरी-बेरी है। इसमें मानव के शरीर का विकास रूक जाता है। अनाज, सोयाबीन व दूध का सेवन करने से इसकी कमी को पूरा किया जाता है।
- पशु उत्पन्न घी/तेल और हाइड्रोजनीकृत तेल दोनों ही ‘ट्रांस बसा’ होते हैं।
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