Comptroller and Auditor General of India । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

Comptroller and Auditor General of India एक स्‍वतंत्र एवं संवैधानिक निकाय है। इसकी स्‍थापना 1858 ई. में भारत सरकार के महालेखाकार के रूप में हुई थी। 16 नवंबर 1860 को एडवर्ड ड्रूमंड को पहला ऑडीटर जनरल नियुक्‍त किया गया था। स्‍वतंत्रता के बाद, 26 जनवरी 1950 को इसको नया स्‍वरूप प्रदान किया गया।

  • मुख्‍यालय- दिल्‍ली में।
  • वर्तमान अध्‍यक्ष गिरीष चुद्र मुर्मू हैं।
  • यह एकल सदस्‍यीय संस्‍था है।
  • इसके प्रथम भारतीय अध्‍यक्ष नरहरि राव जी थे।
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के सचिव श्री आशुतोष शर्मा जी हैं।

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के नामों में क्रमवार परिवर्तन-

क्र.प्रमुख नामवर्ष
1भारत सरकार का महालेखाकार1858
2भारत के महालेखा परीक्षक1860
3नियंत्रक महालेखाकार1866
4भारत में महालेखा परीक्षक1919
5भारत का महालेखा परीक्षक1935

संवैधानिक प्रावधान

भाग-5 (अनुच्‍छेद 148 -151)

अनुच्‍छेद 148- भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ।

अनुच्‍छेद 148(1)

  • भारत का एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक होगा।
  • इसकी नियुक्ति राष्‍ट्रपति द्वारा की जायेगी।
  • उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही इसके हटाने की प्रक्रिया होगी ।

अनुच्‍छेद 148(2)

  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को राष्‍ट्रपति द्वारा तीसरी अनुसूची के अनुसार शपथ दिलाई जायेगी ।

अनुच्‍छेद 148(3)

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के वेतन, भत्‍ते, और व्‍यय से संबंधित उपबंध का निर्धारण संसद करेगी।

अनुच्‍छेद 148(4)

  • सेवानिवृत्ति के पश्‍चात राज्‍य व भारत सरकार के अधीन किसी भी विभाग में कार्य नहीं कर सकेंगे।

अनुच्‍छेद 148(5)

  • भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग में सेवा करने वाले व्‍यक्तियों की सेवा शर्तें राष्‍ट्रपति, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से परामर्श करने के पश्‍चात तय करेगा।

अनुच्‍छेद 148(6)

  • वेतन, भत्‍ते और पेंशन तथा प्रशासनिक व्‍यय भारत की संचित निधी पर भारित होंगे।

अनुच्‍छेद 149- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कर्तव्‍य व शक्तियां

  • भारत की संचित निधि, राज्‍यों की संचित निधी और लोक लेखा से किये कए सभी तरह के व्‍यय का लेखा परीक्षण करना होता है।
  • प्रत्‍येक संघ राज्‍य क्षेत्र जहां विधानसभा विद्यमान है, की संचित निधि से हुए व्‍यय की जांच करता है।
  • राष्‍ट्रपति या राज्‍यपाल के कहने पर किसी अन्‍य प्राधिकरण या निकाय के लेखाओं का भी परीक्षण करता है। जैसे- स्‍थानीय निकाय ।
  • सरकारी कंपनियों, सरकार के हिस्‍से वाली कंपनियों का लेखा परीक्षण का कार्य करना होता है।
  • न्‍यायालय द्वारा कहा गया है‍ कि ‘कैग कोई सरकार का मुनीम नहीं है, बल्कि वह एक संवैधानिक संस्‍था है।‘

अनुच्‍छेद 150- संघ और राज्‍यों के लेखाओं का प्रारूप ।

  • राष्‍ट्रपति, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की सलाह पर ही केंद्र और राज्‍यों की लेखाओं का प्रारूप तैयार होगा।

अनुच्‍छेद 151- संपरीक्षा प्रतिवेदन।

  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राष्‍ट्रपति को तीन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करता है-
    1. विनियोग लेखाओं पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट।
    2. वित्‍त लेखाओं पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट ।
    3. सरकारी उपक्रमों पर लेखा परीक्षा रिपोर्ट।
  • संघ में लेखाओं से संबंधित प्रतिवेदन को राष्‍ट्रपति के समक्ष प्रस्‍तुत किया जायेगा, जो उस प्रतिवेदन को 30 दिन के लिये संसद के प्रत्‍येक सदन के सामने रखवायेगा।
  • राज्‍य में लेखाओं से संबंधित प्रतिवेदन को राज्‍यपाल के समक्ष प्रस्‍तुत किया जायेगा, जो उस प्रतिवेदन को 30 दिन के लिये विधानमंडल के प्रत्‍येक सदन के सामने रखवायेगा।

अधिनियम 1971

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कर्तव्‍य, शक्तियां और सेवा की शर्तों को पारिभाषित करने के लिये अधिनियम 1971 लाया गया। इस अधिनियम में कुल 26 धाराएं एवं 04 अध्‍याय हैं। इसे 15 दिसंबर 1971 को लागू किया गया था।

  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अधिनियम 1971 की धारा-3 के अनुसार इनका वेतन सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश के समान होगा।
  • धारा-4 के अनुसार पद की अवधि 06 वर्ष अथवा 65 वर्ष जो भी पहले हेा। एवं अपना त्‍याग पत्र राष्‍ट्रपति के नाम से देना होगा।
  • धारा-5 में इनके पेंशन का विवरण है।  

Comptroller and Auditor General of India at a Glance

क्र.नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षककार्यकाल
1वी. नरहरि राव1948-1954
2ए.के.चन्‍द1954-1960
3ए.के. राय1960-1965
4एस. रंगनाथन1966-1972
5ए. बक्षी1972-1978
6ज्ञान प्रकाश1978-1984
7त्रिलेाकी नाथ चतुर्वेदी1984-1990
8सी.एस. सोमैया1990-1996
9वी.के. शुंगलू1996-2002
10बी.एन.कौल2002-2008
11विनोद राय2008-2013
12शशिकांत शर्मा2013-2017
13राजीव म‍हर्षि2017-2020
14गिरीश चंद्र मुर्मू2020 से अभी तक

भारत सरकार अधिनियम 1935 से संबंधित तथ्‍य-

  • भारत सरकार अधिनियम 1935 के द्वारा महालेखा परीक्षक की नियुक्ति इंग्‍लैंड के राजा द्वारा की जायेगी।
  • इस अधिनियम के तहत इसे और शक्तियां दी गई तथा प्रांतीय लेखा परीक्षकों का प्रावधान किया गया।
  • 1935 में महालेखा परीक्षक के उत्‍तरदायित्‍व और लेखा परीक्षा के कार्यों का प्रावधान किया गया एवं महालेखा परीक्षक की सेवा शर्तों को निर्धारित किया गया।

भारत सरकार अधिनियम 1919 से संबंधित तथ्‍य-

  • लोक लेखा समिति भारत सरकार अधिनियम 1919 के तहत एक स्‍थायी संसदीय समिति है।
  • भारत शासन अधिनियम 1919 के तहत महालेखा परीक्षक को सरकारी नियंत्रण से मुक्‍त कर दिया था।
  •  भारत सरकार अधिनियम 1919 की धारा-39 में कहा गया कि भारत में महालेखा परीक्षक को राज्‍य परिषद के सचिव द्वारा नियुक्‍त किया जायेगा।

International Landscape of Comptroller and Auditor General of India

  • इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंर्फोमेशन सिस्‍टम एंड ऑडिट (आईसीआईएसए) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रमुख अंतर्राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण संस्‍थान है।
  • इसकी स्‍थापना 2002 में की गई थी।
  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को संयुक्‍त राष्‍ट्र बोर्ड ऑफ ऑडिटर के अध्‍यक्ष के रूप में जनवरी 2018 को चुना गया था।
  • रोम, इटली स्थित संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन के विश्‍व खाद्य कार्यक्रम के बाहरी लेखा परीक्षकों में भारत के ओमकार गोस्‍वामी को शामिल किया गया था।
  • राजीव महर्षि को 03 जून 2019 को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन में बाहरी लेखा परीक्षक नियुक्‍त किया गया था।
  • अंतिम अंग्रेज नियंत्रक महालेखा परीक्षक- बर्टी स्‍टैग

Training Academy of Comptroller and Auditor General of India

यह भारतीय लेखापरीक्षा तथा लेखा विभाग की शीर्ष प्रशिक्षण अकादमी है। इसकी स्‍थापना वर्ष 1950 में श्री नरहरि राव ने, चैडविक हाउस, शिमला में की थी।

  • यहां लोक सेवा परीक्षा द्वारा नियुक्‍त भारतीय लेखापरीक्षा तथा लेखा सेवा के अधिकारयिों को प्रारभिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

Important Facts Related to Comptroller and Auditor General of India

  • यह लोक वित्‍त संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं।
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संसद का सदस्‍य नहीं होता है, लेकिन भाग ले सकता है।
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ई-पत्रिका- राजभाषा लेखापरीक्षा प्रकाश।
  • जममू और कश्‍मीर को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अधिकार क्षेत्र में 1958 ई. में जोडा गया था।
  • अनुच्‍छेद 148 में भारत के राष्‍ट्रपति द्वारा एक नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की नियुक्ति होगी।
  • वर्ष 1968 में लेखा परीक्षा बोर्ड की स्‍थापना की गई, जिसमें एक अध्‍यक्ष व तीन अन्‍य सदस्‍य होंगे।
  • भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 148 से 151 के तहत नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कर्तव्‍य, शक्तियों आदि को स्‍पष्‍ट किया गया है।
  • अनुच्‍छेद 279 के अनुसार- शुद्ध आय की गणना नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के द्वारा प्रमाणित होती है, और इसका निर्णय अंतिम होगा।
  • भीमराव अंबेडकर द्वारा कहा गया है कि ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संविधान के तहत सर्वप्रथम अधिकारी होगा।‘

और अधिक पढ़ें- भारतीय निर्वाचन आयोग।

Comptroller and Auditor General of India

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