Famous Tribal Personalities of MP। MP Famous Tribal Personalities in Hindi । मध्‍यप्रदेश के प्रमुख जनजातीय व्‍यक्तित्‍व

Famous Tribal Personalities of MP में मुख्‍यत: नाम आता है- टंट्या भील, भीमा नायक, खाज्‍या नायक, गंजन सिंह कोरकू, रानी अवंती बाई, झलकारी बाई, दलपत शाह, धीर सिंह व दुर्गाशंकर मेहता आदि सेनानियों का, जिन्‍होंने मध्‍यप्रदेश के स्‍वतंत्रता आंदोलन में भिन्‍न- भिन्‍न क्षेत्रों से महत्‍वपूर्ण योगदान दिया। इसके साथ ही साथ रानी दुर्गावती, दलपत शाह व संग्राम शाह मध्‍यप्रदेश के महत्‍वपूर्ण शासक रहे हैं।

क्र.जनजातीय व्‍यक्तित्‍वक्षेत्रसंक्षेप विवरण
1टंट्या भीलखरगोन‘भारत का राबिनहुड’ एव टंट्या मामा
2भीमा नायकबड़वानी‘निमाड़ का राबिनहुड’
3खाज्‍या नायकसांगली11 अप्रैल को खाज्‍या नायक शहीद दिवस।
4गंजन सिंह कोरकूबैतूलबैतूल के घोड़ा-डोंगरी क्षेत्र में आदिवासी विद्रोह का नेतृत्‍व किया।
5रानी अवंती बाईसिवनी1857 ई. की क्रांति में शहीद होने वाली प्रथम महिला।
6झलकारी बाईझांसीरानी लक्ष्‍मीबाई की सेविका ।
7रानी दुर्गावतीगढमण्‍डलाअकबर के सूबेदार मजीद खान को पराजित किया।
8संग्राम शाहमण्‍डला52 किलों को जीतने के कारण संग्राम शाह की उपाधि धारण की।
9दलपत शाहगढमण्‍डलारानी दुर्गावती के पति व गोंडवंश के शासक ।
10शंकर शाहगढमण्‍डलाजनरल क्‍लार्क के खिलाफ विद्रोह किया।
11धीर सिंहरीवा1857 ई. की क्रांति में भीमा नायक का सहयोग किया।
12दुर्गाशंकर मेहतासिवनी1930 ई. में दुरिया सत्‍याग्रह का नेतृत्‍व किया।

Famous Tribal Personalities of MP

टंट्या भील

वास्‍तविक नाम ‘टांटिया भील’ । इनका जन्‍म 1842 ई. में खरगोन के विरीगांव में हुआ था। 1857 ई. के प्रथम स्‍वतंत्रता संग्राम के समय टंट्या भी के आयु 15 वर्ष की थी। बचपन से ही टंट्या देशप्रेमी, बलवान एवं संघर्षशील व्‍यक्तित्‍व के थे। गोरिल्‍ला वार में प्रसिद्ध। वह न्‍यायप्रिय, शांतिप्रिय, सरल, सहज एवं अन्‍याय को सहन न करने वाला था। इन्‍हें ‘भारत का राबिनहुड’ कहा जाता था। इनका निवास पातालपानी, समाधि- इंदौर तथा फांसी- जबलपुर में 04 दिसंबर, 1889 को दी गई थी। भारतीय वनवासी टंट्या को ‘मामा’ कहकर पुकारते थे।

भीमा नायक

जन्‍म1840 ई.
स्‍थानपंचमोहाली गांव (बड़वानी)
समर्पण1858 कर्नल स्‍टाकली
जेलमण्‍डलेश्‍वर
सजापोर्ट ब्‍लेयर
निधन29 दिसंबर 1876
उपनामनिमाड़ का राबिनहुड
  • भीमा नायक का जन्‍म 1840 ई. में पश्चिमी निमाड़ रियासत के पंचमोहली (बड़वानी) गांव में हुआ था।
  • तात्‍या टोपे से मुलाकात के बाद भीमा नायक ने निमाड़ क्षेत्र में 1857 के महान विद्रोह की शुरूआत सेंधवा (बड़वानी) से की । इनके मुख्‍य सहयोगी- ‘खाज्‍या नायक, दौलत सि‍हं और कालूबाबा’ आदि।
  • भीमा नायक ने ‘तीर कमान बटालियन’ का नेतृत्‍व किया और ‘अम्‍बापानी के युद्ध’ में अंग्रेजों को हराया ।
  • 02 अप्रैल 1867 को सतपुड़ा के घने जंगल में एक झोपड़ी में सोते हुए भीमा नायक को अंग्रेज सिपाहियों ने पकड़़ लिया और उसे बंदी बना लिया।

खाज्‍या नायक

  • जन्‍म- सांगली, भील जनजाति से संबधित।
  • खाज्‍या नायक के पिता गुमान नायक सेंधवा के वार्डन थे। 1833 ई. में उनकी मृत्‍यु के बाद खाज्‍या नायक को सेंधवा घाट का नायक बनाया गया था।
  • खाज्‍या नायक ने प्रांरम्‍भ में विद्रोही भीलों के खिलाफ कैप्‍टन गारिस को सहयोग दिया।
  • चौकीदार की नौकरी के दौरान खाज्‍या द्वारा एक अंग्रेज अधिकारी को मार दिये जाने के कारण 10 साल की सजा सुनाई गई, परंतु अच्‍छे आचरण के कारण 05 वर्ष बाद रिहा कर दिया गया।
  • 11 अप्रैल 1858 को अम्‍बापनी के युद्ध में खाज्‍या नायक को अंग्रेज अधिकारी जेम्‍स आउट्रम ने मार दिया। इस युद्ध में खाज्‍या का बेटा दौलत सिंह भी शहीद हो गए थे।
  • मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा 11 अप्रैल को खाज्‍या नायक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गंजन सिंह कोरकू

  • 1930 ई. में घोड़ा-डोंगरी बैतूल क्षेत्र में आदिवासियों ने सत्‍याग्रह किया।  जिसका नेतृत्‍व गंजन सिंह कोरकू एवं उनके सहयोगी विष्‍णु सिंह ने किया।
  • गंजन सिंह कोरकू, गांधी जी द्वारा चलाए गए नमक सत्‍याग्रह एवं कर न देने के आव्‍हा्न से प्रभावित था।
  • गंजन सिंह कोरकू ने घोड़ा डोंगरी क्षेत्र बैतूल के आदिवासी समुदाय के साथ हाथ में लाठी लेकर जंगल सत्‍याग्रह व पहाड़ी सत्‍याग्रह छेड़ा था।
  • रानी अवंतीबाई
  • रानी अवंतीबाई का जन्‍म 16 अगस्‍त 1831 को सिवनी जिले के मनकेडी ग्राम के जागीरदार राव जुझार सिहं लोधी के घर हुआ।
  • अवंतीबाई का विवाह 17 वर्ष की आयु में रामगढ़़ के राजा लक्ष्‍मण के पुत्र विक्रमादित्‍य सिहं के साथ हुआ था। रानी के 02 बेटे ‘अमान सिंह व शेरसिंह’ थे।
  • 1857 ई. की क्रांति में शहीद होने वाली प्रथम महिला। इनकी खास सहेली गिरधारी बाई
  • युद्ध- 1858 ई. में देवहरगढ़ के जंगल में अंग्रेजों के साथ। इनकी समाधि बालपुर, डिण्‍डोरी जिले में।

रानी दुर्गावती

इनका जन्‍म 05 अक्‍टूबर, 1524 ई. को कालिंजर, बांदा, उ.प्र. में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘कीरत सिंह’ जो कि चंदेल शासक थे। इनकी शादी 1542 ई. में दलपत शाह के साथ। पुत्र का नाम वीर नारायण सिंह। 1550 ई. में दलपतशाह की मृत्‍यु हो गई। दो मंत्री अधरकायस्‍थ और मान ठाकुर ने प्रशासन चलाने में रानी दुर्गावती की सहायता की । 24 जून 1564 ई. में बादशाह अकबर ने अपने सेनापति आसफ खान को रानी के शासन पर आक्रमण करने के लिये भेजा, जिसमें रानी की हार हुई।

झलकारी बाई- इनका जन्‍म 22 नंबवर 1930 ई. को भोजला,  झांसी में हुआ था। रानी लक्ष्‍मी बाई की सेविका। ‘पीर अली और दलहाजु’ के सहयोग से ह्यूरोज ने इन्‍हें अरेस्‍ट कर लिया था। 04 अप्रैल, 1857 ई्. को अपने पेट में बरछी घोंप करी अपनी जान दे दी। इनकी समाधि ग्‍वालियर में स्थित है।

संग्राम शाह- इनका जन्‍म 1482 ई. में मण्‍डला जिले में हुआ था। मूल नाम ‘अमनशाह’। 52 किलों को जीता जिसके कारण ‘संग्रामशाह’ की उपाधि धारण की। मृत्‍यु- 1532 ई. में ।

दलपत शाह- गणमण्‍डला के शासक। राजकुमारी दुर्गावती से विवाह हुआ। गोंडवंश से संबधित।

शंकर शाह– इनका जन्‍म 1783 ई. में गढ़मण्‍डला में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘सुमेरशाह’ था। इन्‍होंने अंग्रेज अधिकारी ‘जनरल क्‍लार्क’ के खिलाफ विद्रोह किया।

धीर सिंह– इनका जन्‍म 1820 ई. में रीवा जिले के ‘कुशवाहाटोला’ में हुआ था। गोंड जनजाति से संबधित। 1857 ई. की क्रांति में भीमा नायक का सहयोग किया था।

दुर्गाशंकर मेहता– इन्‍होंने 1930 ई. में ‘सिवनी’ जिले में ‘दुरिया सत्‍याग्रह’ का नेतृत्‍व किया था, इसे जंगल सत्‍याग्रह के नाम से भी जाना जाता है। 1930 ई. में महात्‍मा गांधी द्वारा दांडी मार्च शुरू करने के बाद बैतुल व सिवनी में जंगल सत्‍याग्रह इनके नेतृत्‍व में शुरू किया गया था।

Famous Tribal Personalities of MP in Hindi

Get update on this topic please visit www.visionpcs.in and get more information visit https://www.tribal.mp.gov.in/