Gwalior Division । ग्‍वालियर संभाग । मध्‍यप्रदेश के जिलों की प्रमुख जानकारी।

मध्‍यप्रदेश के Gwalior Division के अंतर्गत कुल 05 जिले आते हैं। इसका मुख्‍यालय ग्‍वालियर के मोती महल भवन में स्थित है। इसके वर्तमान संभागायुक्‍त श्री आशीष सक्‍सेना जी हैं। इस संभाग के प्रमुख जिले क्रमश: ग्‍वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर और दतिया हैं। इनका विस्‍तृत वर्णन इस प्रकार है।

Gwalior Division

ग्‍वालियर जिला-

मध्‍यप्रदेश के पुर्नगठन से पहले मध्‍यभारत की राजधानी ग्‍वालियर थी। ग्‍वालियर को गालव ऋषि की तपोभूमि भी कहा जाता है। यहां आजादी से पहले सिंधिया वंश का राज था, जो मराठा समूह के थे।

  • वर्ष 2008 में राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना की गई थी।
  • देश का पहला इंस्‍टीटयूट ऑफ एडवोकेट एजुकेशन सेंटर कंपू, ग्‍वालियर में स्‍थापित किया गया है।
  • ग्‍वालियर के घाटी गांव में सोन चिडि़या का संरक्षण किया जा रहा है।
  • वर्ष 1957 में यहां महारानी लक्ष्‍मीबाई शारीरिक प्रशिक्षण विद्यालय स्‍थापित किया गया है।
  • मध्‍यप्रदेश राज्‍य के महालेखाकार का कार्यालय मोतीमहल, ग्‍वालियर में स्थित है।
  • राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्‍वविद्यालय, ग्‍वालियर में स्थित है।
  • ग्‍वालियर के किले को किलों का रत्‍न या जिब्राल्‍टर ऑफ इंडिया कहा जाता है, जिसका निर्माण राजा सूरजसेन द्वारा करवाया गया था।
  • रानी लक्ष्‍मीबाई की समाधि स्‍थल ग्‍वालियर के फूलबाग में स्थित है।
  • द्रविड़ शैली में निर्मित तेली का मंदिर उत्‍तर भारत में स्थित एकमात्र मंदिर है।
  • गूजरी महल और दाता बंदी छोड़ गुरूद्वारा ग्‍वालियर में स्थित है।
  • संगीत सम्राट तानसेन और उनके गुरू मोहम्‍मद गौस का मकबरा ग्‍वालियर में स्थित है।
  • मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा तानसेन समारोह ग्‍वालियर में हर साल आयोजित किया जाता है।
  • कैप्‍टन रूपसिंह अं‍तर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट स्‍टेडियम, मध्‍यप्रदेश के ग्‍वालियर में स्थित है।

शिवपुरी जिला-

शिवपुरी को मध्‍यप्रदेश का पहला पर्यटन नगर घोषित किया गया है। इसे सिपरी के नाम से जाना जाता था। यह सिंधिया शासको की ग्रीष्‍मकालीन राजधानी थी। महान स्‍वतंत्रता सेनानी तात्‍या टोपे जी को यहां फांसी दी गई थी।

  • वर्ष 1958 में स्‍थापित माधव नेशनल पार्क, शिवपुरी में स्थित है, जिसके बीच से नेशनल हाईवे-3 निकलता है।
  • जार्ज कैशल भवन और सांख्‍य सागर झील मध्‍यप्रदेश के शिवपुरी में स्थित है।
  • यहां स्थित करैरा अभयारण्‍य में सोन चिडि़या का संरक्षण किया जा रहा है।
  • पीरबुधान का मेला प्रतिवर्ष यहां आयोजित किया जाता है।
  • मध्‍यप्रदेश का आतंकवादरोधी प्रशिक्षण स्‍कूल शिवपुरी में स्थित है।
  • प्रथम स्‍वतंत्रता संग्राम 1857 के शहीद तात्‍या टोपे की समाधि शिवपुरी में स्थित है।

गुना जिला-

गुना को मालवा और चंबल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। मध्‍यप्रदेश के पुर्नगठन से पूर्व इसे ईशागढ़ के नाम से भी जाना जाता था।  ऊंची पहाड़ी पर स्थित हनुमान मंदिर, टेकरी सरकार के नाम से जाना जाता है, प्रत्‍येक वर्ष विशाल मेले का आयोजन होता है।

  • गुना जिले के विजयपुर में नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड और गेल इंडिया की उत्‍पादन इकाइयां स्थित हैं।
  • हजीरा, विजयपुर, जगदीशपुर पाइपलाईन गुना से होकर गुजरती है।
  • तेजाजी का मेला गुना जिले के भावावद गांव में आयोजित किया जाता है।
  • यहां मुख्‍यत: मीना और भील जनजातियां निवास करती हैं।

अशोकनगर जिला-

वर्ष 2003 में गुना से अलग करके अशोकनगर जिले का निर्माण किया गया था। इसे पछार के नाम से भी जाना जाता था। यह अपनी अनाजमंडी और शरबती गेंहू के लिये प्रसिद्ध है।

  • चंदेरी का प्रसिद्ध किला अशोकनगर जिले में स्थित है। इसका निर्माण प्रतिहार नरेश कीर्तिपाल ने करवाया था।
  • इस किले में नौखंडा महल, खूनी दरवाजा और जौहर कुंड स्थित है।
  • यह जिला चंदेरी की कलात्‍मक साडि़यों के लिये देश व विदेश में प्रसिद्ध है।
  • महान संगीतज्ञ वैजू बावरा की समाधि स्‍थल यहां स्थित है।
  • अशोकनगर के मुंगावली में पहली खुली जेल स्‍थापित की गई है।
  • यहां सिंधी समुदाय का धार्मिक स्‍थल जिला मुख्‍यालय से 30 किमी दूर ‘श्री आनंदपुर श्रम और अद्वैत परमहंस समप्रदाय’ स्थित है।

दतिया जिला-

दतिया मध्‍यप्रदेश का एक लोकप्रिय तीर्थस्‍थल है। यहां पीतांबरा शक्तिपीठ प्रदेश की एकमात्र शक्तिपीठ है। इसे 16वीं शताब्‍दी में बुन्‍देलखण्‍ड के प्रतापी शासक वीर सिंह जूदेव द्वारा बसाया गया था। इसे लघु वृंदावन के नाम से भी जाना जाता है।

  • दतिया में सोनगिरी के जैन मंदिर, दिंगबर सम्‍प्रदाय के पवित्र तीर्थ स्‍थल हैं।
  • सम्राट अशोक से संबंधि‍त गुर्जरा अभिलेख यहीं से प्राप्‍त हुआ है, जिसमें अशोक नाम का उल्‍लेख मिलता है।
  • बालाजी सूर्य मंदिर, दतिया जिले के उन्‍नाव में स्थित है।
  • यहां गुप्‍तकालीन बड़ौनी मंदिर स्थित हैं, जो कि जैन व बौद्ध दोनों धर्मों से संबंधित हैं।
  • यहां स्थित सात खंडा महल पूर्णतया पत्‍थरों से बना हुआ है, जिसे 1614 ई. में बीर सिंह देव ने बनवाया था।
  • प्रसिद्ध रतनगढ़ माता का मंदिर दतिया जिले में स्थित है, जहां प्रत्‍येक वर्ष दीवली की दौज पर मेला लगता है।  
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