03 जून 1947 को भारत के अंतिम वायसराय लार्ड माउण्ट बेटन ने ‘माउण्ट बेटन योजना’ प्रस्तुत की, जिसके द्वारा भारत का विभाजन किया गया। इस योजना के तहत India’s Ekikaran aur Punargathan में भारत को तीन हिस्सों में वर्गीकृत किया गया-
- भारत
- पाकिस्तान
- देसी रियासतें (562)
इस योजना में देसी रियासतों को स्वतंत्रता दे दी गई और उनक समक्ष 03 विकल्प रखे गये-
- यदि रियासतें स्वतंत्र रहना चाहे, तो वह रह सकती हैं।
- यदि भारत के साथ शामिल होना चाहती हैं, तो हो सकती हैं।
- पाकिस्तान के साथ शामिल होना चाहती हैं, तो हो सकती हैं।
India’s Ekikaran aur Punargathan
भारत की भौगोलिक सीमा के अंदर 552 देसी रियासतें थी। कांग्रेस ने इन देसी रियासतों को भारत में मिलाने के लिये ‘सरदार बल्लभ भाई पटेल’ को नियुक्त किया, जो कि उस समय भारत की अंतरिम सरकार के गृहमंत्री थे।
- सरदार बल्लभभाई पटेल ने 05 जुलाई 1947 को ‘भारतीय रियासत विभाग’ की स्थापना की ।
- ‘भारतीय रियासत विभाग’ के प्रमुख अध्यक्ष सरदार बल्लभ भाई पटेल और सचिव वी.पी.मेनन थे ।
- 15 अगस्त 1947 की संध्या तक अधिकांश रियासतों लगभग 549 को भारत का हिस्सा बना लिया गया था। जबकि तीन रियासतें जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद को भारत में मिलाने में समस्याओं का सामना करना पडा।
- भारतीय रियासतों के एकीकरण में सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ उनके सचिव बीपी मेनन ने सहयोग किया था।
प्रमुख तीन रियासतें जो भारत का हिस्सा नहीं बनना चाहती थी, उनका विवरण इस प्रकार है-
जूनागढ़-
- यह वर्तमान गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है।
- यहां के नवाब रसूलखान एक मुस्लिम शासक थे, जबकि यहां की जनसंख्या 80 प्रतिशत हिंदू थी ।
- 15 अगस्त 1947 को नवाब रसूलखान द्वारा जूनागढ़ को पाकिस्तान में मिलाने की घोषण कर दी गई, जिसके बाद जूनागढ़ में विद्रोह शुरू हो गया।
- जुनागढ़ के दीवान शहनवाज भुट्टो ने नवम्बर 1947 में जूनागढ़ को भारत में मिलाने के लिये आमंत्रित किया।
- फरवरी 1948 ई. को जूनागढ़ को जनमत संग्रह के द्वारा भारत में मिला लिया गया।
कश्मीर-
- यहां के शासक राजा हरिसिंह थे, जो कि एक हिंदू शासक थे जबकि यहां की 75 प्रतिशत जनता मुस्लिम थी।
- राजा हरि सिंह कश्मीर को स्वतंत्र रखना चाहते थे, जबकि कश्मीर के कांग्रेसी नेता शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे।
- इसी क्रम में 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर आक्रमण कर दिया गया।
- 24 अक्टूबर 1947 को राजा हरिसिंह ने भारत से सैन्य सहायता मांगी ।
- और 26 अक्टूबर 1947 को राजा हरि सिंह द्वारा बिलय पत्र पर हस्ताक्षर करके कश्मीर को भारत में मिला दिया।
हैदराबाद-
- यह भारत की सबसे बडी रियासत थी।
- इस रियासत के प्रमुख निजाम-मीर-उस्मान अली खान थे।
- यहां की अधिकांश जनसंख्या हिंदू थी लेकिन निजाम पाकिस्तान समर्थक था।
- नवंबर 1947 को निजाम द्वारा 01 साल के लिये हैदराबाद ने यथास्थिति संधि पर हस्ताक्षर किये। लेकिन निजाम द्वारा इस संधि का उल्लंघ्न किया गया
- और कट्टर मुस्लिम संगठन ‘इतिहाद-इल-मुसलमीन’ का गठन किया गया। निजाम के रजाकार सैनिकों ने हिंदू जनता पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।
- इसी परिपेक्ष्य में भारत सरकार ने सितम्बर 1948 को भारतीय सेना द्वारा हैदाराबाद में आपरेशन पोलो चलाया गया, जिसके तहत नवंबर 1948 को हैदराबाद को भारत में मिला लिया गया।
Commission on India’s Ekikaran aur Punargathan
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात राज्यों के पुर्नगठन की समस्या आई। इस समस्या को सुलझाने के लिये भारत सरकार ने कुछ प्रमुख आयोगों का गठन किया जो कि निम्नलिखित हैं-
- एस.के. धर आयोग
- जेवीपी समिति
- फजल अली आयोग
एस.के. धर आयोग-
- एस. के. धर आयोग की स्थापना जून 1948 ई. में हुई थी।
- इसके अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्याययाधीश ‘एस.के.धर’ थे। इसके अन्य प्रमुख सदस्य जगत, नारायण और पन्नालाल थे।
- इस आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में राज्यों का गठन प्रशासनिक आधार पर हो न कि भाषाई आधार पर ।
- रिपोर्ट के बाद भारत के दक्षिण में आंदोलन शुरू हो गये।
जे.वी.पी. समिति-
- इस आयोग का गठन दिसंबर 1948 ई. में हुआ था।
- आयोग के प्रमुख सदस्य जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैया थे।
- समिति का उद्देश्य- एसके धर आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा करना था।
- इस आयोग की रिपोर्ट अप्रैल 1949 में प्रस्तुत की गई इसके अनुसार भारत में राज्यों का गठन प्रशासनिक आधार पर हो न कि भाषाई आधार पर ।
- वर्ष 1950 में भारतीय राज्यों को मुख्यत: चार भागों में बांटा गया-
क्र. | भाग ‘क’ | भाग ‘ख’ | भाग ‘ग’ | भाग ‘घ’ |
1 | असम | हैदराबाद | अजमेर | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह |
2 | बिहार | जम्मू और कश्मीर | भोपाल | |
3 | बम्बई | मध्य भारत | विलासपुर | |
4 | मध्यप्रदेश | मैसूर | कूच बिहार | |
5 | मद्रास | पटियाला एवं पूर्वी पंजाब | कुर्ग | |
6 | उड़ीसा | राजस्थान | दिल्ली | |
7 | पंजाब | सौराष्ट्र | हिमाचल प्रदेश | |
8 | संयुक्त प्रांत | त्रावणकोर-कोचीन | कच्छ | |
9 | पश्चिम बंगाल | विंध्यप्रदेश | मणिपुर | |
10 | त्रिपुरा |
- इस आयोग की रिपोर्ट के विरोध में मद्रास राज्य में तेलुगु भाषी क्षेत्र में आंदोलन शुरू हुए।
- आंदोलन में 56 दिन की भूख हड़ताल के बाद कांग्रेसी नेता पोटि श्री रामुलु का निधन हो गया।
- इसी के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने भाषा के आधार पर मद्रास से तेलुगु भाषा क्षेत्र को अलग करके आंध्रप्रदेश का निर्माण किया ।
- 01 अक्टूबर 1953 को भाषा के आधार पर गठित होने वाला आंध्रपदेश भारत का पहला राज्य था।
फजल अली आयोग-
- इस आयोग के अध्यक्ष फजल अली व के.एम. पणिकर एवं एच.एन. कुंजरू प्रमुख सदस्य थे।
- आंध्रप्रदेश के बाद अन्य भारतीय राज्यों द्वारा भाषायी आधार पर गठन की मांग उठने के कारण इस आयोग का गठन किया गया।
- ‘फजल अली’ की अध्यक्षता में दिसंबर 1953 में राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन किया गया।
- इस आयोग की रिपोर्ट 1955 ई. में प्रस्तुत की गई, जिसके अनुसार भाषा के साथ निम्नलिखित मापदंडों पर राज्यों का निर्माण होगा-
- भारत की अखण्डता व सुरक्षा का ध्यान रखा जाये।
- भाषाई एवं सांस्कृतिक एकरूपता का ध्यान रखा जाये।
- वित्तीय, प्रशासनिक व आर्थिक तंत्र मजबूत रहना चाहिये।
- सभी राज्यों और पूरे देश में लोगों के कल्याण की योजनाएं चलायी जायें।
- मूल संविधान के अंतर्गत चार वर्गों में विभाजित राज्यों और क्षेत्रों का वर्गीकरण समाप्त किया जाये।
- 7 वें संविधान संशोधन अधियिम 1956 के द्वारा भारत को 14 राज्यों और 06 केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
India’s Ekikaran aur Punargathan in Brief
क्र. | राज्य | गठन | अन्य विवरण |
1 | आंध्रपदेश | 01 अक्टूबर 1953 | भाषा के आधार परमद्रास से अलग होकर निर्मित पहला राज्य । |
2 | महाराष्ट्र | 01 मई 1960 | मराठी भाषी राज्य |
3 | गुजरात | 01 मई 1960 | गुजराती भाषी राज्य |
4 | नागालैंड | 01 दिंसबर 1963 | श्वेनसांग क्ष्ेत्रों और नागा पहाडि़यों को मिलाकर नागालैंड राज्य का गठन। |
5 | हरियाणा | 01 नवंबर 1966 | पंजाब से हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ बनाया गया। |
6 | हिमाचल प्रदेश | 25 जनवरी 1971 | हिमाचल प्रदेश को 1971 ई. में पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया। |
7 | मेघालय | 21 जनवरी 1972 | उपराज्य मेघालय को राज्य का दर्जा दिया गया। |
8 | मणिपुर | 21 जनवरी 1972 | केन्द्रशासित प्रदेश मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। |
9 | त्रिपुरा | 21 जनवरी 1972 | केन्द्रशासित प्रदेश त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। |
10 | सिक्किम | 26 अप्रैल 1975 | 36 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1975 के द्वारा सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। |
11 | मिजोरम | 20 फरवरी 1987 | 1986 ई. में भारत सरकार एवं मिजो नेशनल फ्रंट के बीच एक समझौते के आधार पर। |
12 | अरूणाचल प्रदेश | 20 फरवरी 1987 | इसे नेफा के नाम से भी जाना जाता है। |
13 | गोवा | 30 फरवरी 1987 | संघ शासित प्रदेश गोव को दमन और दीव से पृथक कर अलग राज्य बनाया गया। |
14 | छत्तीसगढ़ | 01 नवंबर 2000 | मध्यप्रदेश से अलग होकर इस राज्य का निर्माण हुआ। |
15 | उत्तराखण्ड | 09 नवंबर 2000 | उत्तरप्रदेश से अलग होकर इस राज्य का निर्माण हुआ। |
16 | झारखण्ड | 15 नवंबर 2000 | बिहार राज्य से अलग होकर इस राज्य का निर्माण हुआ। |
17 | तेलंगाना | 02 जून 2014 | आंध्रप्रदेश राज्य से अलग होकर तेलंगाना राज्य का निर्माण हुआ। |
Important Facts Related to India’s Ekikaran aur Punargathan
- वर्ष 1950 में संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर ‘उत्तरप्रदेश’ रख दिया गया। यह भारत का पहला राज्य था जिसका नाम परिवर्तित किया गया।
- 1969 ई. में ‘मद्रास’ का नाम बदलकर तमिलनाडु रखा गया ।
- 1973 ई. में ‘कर्नाटक’ का नाम बदलकर मैसूर रख दिया गया।
- 1973 ई. में ‘लकादीव मिनीकॉय एवं अमीनदीव’ का नया नाम लक्ष्द्वीप रखा गया ।
- 2006 ई. में ‘उत्तरांचल’ का नाम बदलकर उत्तराखंड किया गया।
- अंतिम परिवर्तन वर्ष 2011 में ‘उड़ीसा’ का नाम बदलकर ओडिसा कर दिया गया।
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