Khadya Prasanskaran से तात्पर्य ऐसी गतिविधियों से है, जिसमें प्राथमिक कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण कर उनका मूल्यवर्धन किया जाता है। अर्थात् खेतों से प्राप्त कृषि उत्पादों को खाने योग्य बनाना अथवा बाजार में बेचने योग्य बनाने की प्रक्रिया ही ‘खाद्य प्रसंस्करण’ कहलाती है। जैसे- डेयरी उत्पाद, कृषि उत्पाद, फल व सब्जियों का प्रसंस्करण आदि। भारत में अनेक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग संचालित है, जो खाने की वस्तुओं की प्रोसेसिंग कर उन्हें नये रूप में बाजार में लाते हैं। यह भारत सरकार के खाद्य प्रसंसकरण उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसकी स्थापना ‘1988 ईं.’ में की गई थी। इस मंत्रालय के वर्तमान मंत्री श्रीपशुपति नाथ पारस जी है।
Khadya Prasanskaran के प्रमुख प्रकार-
- प्राथमिक प्रसंस्करण।
- माध्यमिक प्रसंस्करण।
- तृतीयक प्रसंस्करण।
प्राथमिक प्रसंस्करण- इसमें भोजन को सुरक्षित बनाने के लिये प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला शामिल है, ताकि इसे व्यक्तिगत रूप से खाया जा सके, इसमें खाद्य पदार्थों का भौतिक रूप बहुत कम बदलता है। जैसे- बीनना, धुलाई करना, ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग आदि।
माध्यमिक खाद्य प्रसंस्करण– इसमें उन सामग्रियों से भोजन बनाने की रोजमर्रा की प्रक्रिया है, जो उपयोग करने के लिये तैयार है, माध्यमिक खाद्य प्रसंस्करण कहलाता है। जैसे- ब्रेकिंग ब्रेड, किण्डवन मछली आदि।
तृतीयक खाद्य प्रसंस्करण– इस प्रक्रिया को व्यावसायिक उत्पादन कहा जाता है, जिसे आम तौर पर प्रसंस्कृत खा़द्य कहा जाता है । इसमें पदार्थ खाने के लिये तुरंत तैयार होते हैं।
Khadya Prasanskaran में भारत की स्थिति-
- भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग देश के कुल खाद्य बाजार का 32 प्रतिशत हिस्सा है, जो भारत के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है।
- उत्पादन, खपत, निर्यात और अपेक्षित विकास के मामले में भारत ‘पांचवे स्थान’ पर है।
- वर्तमान में खाद्य प्रसंस्करण भारत में कुल खाद्य बाजार का लगभग 1/3 प्रतिशत हिस्सा है।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र-
- दूध अथवा डेयरी प्रसंस्करण उद्योग।
- फल एवं सब्जी प्रसंसकरण उद्योग।
- अनाज प्रसंस्करण उद्योग ।
- मांस, मछली एवं पोल्ट्री प्रसंस्करण संस्थान।
- उपभोक्ता वस्तुओं जैसे कृषि उत्पादों के पैकेट्स और पेय पदार्थ।
खाद्य प्रसंस्करण का महत्व-
- इसकी सहायता से दूध, मांस, समुद्री खाद्य पदार्थों में से हानिकारक कीटाणुओं को समाप्त कर, उनमें अन्य पोषक तत्व मिलाने का कार्य होता हैं।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में।
- कृषि में विविधता को बढ़ावा देने में।
- खाद्य पदार्थों की उत्तरजीविता को बढ़ाने में।
- इसका महत्व किसानों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।
- रोजगार के नये अवसर सृजित करने में।
बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग-
- प्रदेश में फसलों के क्षेत्रों एवं उत्पादन और उद्यानिकी में वृद्धि करने एवं संतुलित आहार उपलब्ध कराने की दृष्टि से 12 फरवरी 1982 को कृषि विभाग के अधीन उद्यानिकी एवं फार्म फॉरेस्ट्री संचालनालय की स्थापना की गई।
- राज्य सरकार द्वारा कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये ‘22 दिसंबर 2005’ को बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग की स्थापना की गई।
- इसके वर्तमान संचालक मनोज कुमार अग्रवाल है तथा इस विभाग के प्रमुख मंत्री भरत सिंह कुशवाह जी है।
- इसके तहत ढाई एकड़ भूमि शिक्षित बेरोजगार को 30 साल के लिये लीज पर दी जायेगी, जिससे वह खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उत्पादन करेगा।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना-
- इस योजना का शुभारम्भ वर्ष 2016 में किया गया था।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कृषि व समुद्री क्षेत्र के उत्पादों के प्रसंस्करण के विकास के लिये एक व्यापक योजना शुरू की, जिसे प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना कहा जाता है।
- यह भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है।
- इसके प्रमुख उद्देश्य-
- खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमताओं का निर्माण ।
- वस्तुओं के मूल्यों का संवर्धन।
- खाद्यान अपव्यय में कमी के लिये प्रसंस्करण के स्तर को बढावा देना।
- भारत में वर्तमान में स्थित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों का आधुनिकी करण और विस्तार करना है।
Khadya Prasanskaran से संबंधित अन्य प्रमुख योजनाएं-
- मेगा फूड पार्क
- आपरेशन ग्रीन्स
- मानव संसाधन और संस्थान
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना।
- बैकवर्ड और फारवर्ड लिंकेज का निर्माण।
मेगा फूड पार्क-
भारत में सामान्यत: 42 मेगा फूड पार्क प्रस्तावित हैं जबकि 22 फूड पार्कों को बनाकर तैयार किया जा चुका हैं। श्रीनी मेगा फूड पार्क, चितूर आंध्रप्रदेश भारत का प्रथम मेगा फूड पार्क है। मध्यप्रदेश में कुल 02 मेगा फूड पार्क खरगोन व देवास में संचालित हैं।
प्रमुख मेगा फूड पार्क-
क्र. | मेगा फूड पार्क | स्थिति |
1 | श्रीनी मेगा फूड पार्क, चित्तूर | आंध्रपदेश |
2 | गोदावरी मेगा एक्वा पार्क | दक्षिण गोदावरी, आंध्रपदेश |
3 | नार्थ इस्ट मेगा फूड पार्क | नलबाड़ी, असम |
4 | इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क, | रायपुर, छत्तीसगढ़ |
5 | गुजरात एग्रो मेगा फूड पार्क | सूरत, गुजरात |
6 | क्रेमिका मेगा फूड पार्क | ऊना, हिमाचल प्रदेश |
7 | इंटिग्रेटेड मेगा फूड पार्क | तुमकुर, कर्नाटक |
8 | केरल औद्योगिक अवसंरचा विकास निगम मेगा फूड पार्क | पल्लकड़, केरल |
9 | इंडस मेगा फूड पार्क | खरगोन, मध्यप्रदेश |
10 | अवंती मेगा फूड पार्क | देवास, मध्यप्रदेश |
11 | पैथन मेगा फूड पार्क | औरंगाबाद, महाराष्ट्र |
12 | सतारा मेगा फूड पार्क | सतारा, महाराष्ट्र |
13 | जोरम मेगा फूड पार्क | कोलासिब, मिजोरम |
14 | एमआईटीएस मेगा फूड पार्क | रायगढ़, ओडिसा |
15 | इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क | फज्जिलका, पंजाब |
16 | सुखजीत मेगा फूड पार्क | कपूरथला, पंजाब |
17 | ग्रीनटेक मेगा फूड पार्क | अजमेर, राजस्थान |
18 | स्मार्ट एग्रो मेगा फूड पार्क | निजामाबाद, तेलंगाना |
19 | त्रिपुरा मेगा फूड पार्क | पश्चिम त्रिपुरा, त्रिपुरा |
20 | पतंजलि फूड एंड हर्वल पार्क | हरिद्वार, उत्तराखण्ड |
21 | हिमालयन मेगा फूड पार्क | ऊधमपुर, उत्तराखण्ड |
22 | जंगीपुर बंगाल मेगा फूड पार्क | मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल |
आपरेशन ग्रीन्स-
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में ‘आपरेशन फ्लड’ की तर्ज पर 500 करोड़ रूपये के खर्च से टमाटर, प्याज और आलू के एकीकृत विकास के लिये ‘आपरेशन ग्रीन्स’ की शुरूआत की गई। इसका उद्देश्य- टमाटर, प्याज और आलू के उत्पादन को बढ़ावा देना है। एफपीओ और पेशेबर प्रबंधन को प्रोत्साहित करना है।
Khadya Prasanskaran से संबंधित अन्य प्रमुख तथ्य-
- भारत विश्व में दुग्ध के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।
- जानवरों के मांस, पालतू पशुओं और मोटे अनाज के मामले में भारत विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- फल और सब्जियों के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।
- दालें, आम, केले, अदरक, चावल, गेंहू, हरी मटर और गन्ने के उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- खाद्य संरक्षण किण्वन का एक जैविक तरीका है।
- खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अधिकतर असंगठित क्षेत्र का योगदान है।
- प्रसंस्करण की डिब्बेबंदी से विटामिन सी की हानि होती है।
- फलों को पकाने के लिये एथीलीन का उपयोग किया जाता है।
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