MP ke Pramukh Durg । मध्‍यप्रदेश के प्रमुख दुर्ग ।

MP ke Pramukh Durg अथवा किले इस प्रकार हैं- ग्‍वालियर का किला, धार का किला, असीरगढ़ का किला, मण्‍डला का किला, मंदसौर का किला, चंदेरी का किला, गिन्‍नौरगढ़ का किला, ओरछा का किला, नरवर का किला, अजयगढ़ का किला, अमझेरा का किला, बांधवगढ़ का किला, हिंगलाजगढ देवी का किला, कालिंजर का किला आदि।

ग्‍वालियर का किला

इसका निर्माण 525 ई. में राजा सूरजसेन द्वारा करवाया गया था। इसे भारत का जिब्राल्‍टर के नाम से जाना जाता है। संत गालव की स्‍मृति में ग्‍वालियर नगर की स्‍थापना की गई थी । जब राजा सूरजसेन कुष्‍ठ रोग से पीडि़त थे, तो संत गालव ने ही उनका उपचार किया था।

  • इस किले में पांच द्वार क्रमश: आलमगिरी, हिण्‍डोला, गुजरी महल, चतुर्भुज एवं हाथीफोड़ हैं।
  • वर्ष 1486 से 1516 के मध्‍य राजा मानसिंह द्वारा मान मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
  • राजा मानसिंह ने अपनी प्रेमिका रानी रूपमती की याद में गूजरी महल का निर्माण करवाया गया था।
  • राजा डोंगा सिंह के शासनकाल में अनेक जैन मंदिर बनवाये गये थे, इनमें 17 मीटर ऊंची जैन तीर्थकंर आदिनाथ जी की प्रतिमा है।
  • जय विलास महल एवं संग्रहालय हैं।

धार का किला

इस किले का निर्माण 1344 ई. में सुल्‍तान मोहम्‍मद तुगलक ने अपनी दक्षिण विजय के दौरान देवागिरि जाते समय वहां ठहरने के उद्देश्‍य से करवाया था।

  • किले में कालकाजी का मन्दिर, खरबूजा महल, अब्‍दुल्‍ला शाह का म‍कबरा आदि स्थित हैं।
  • इसी किले में पेशवा बाजीराव द्वितीय का जन्‍म हुआ था तथा हजरत मकबूल की कब्र यहां स्थित है।

असीरगढ़ का किला

  • इस किले का निर्माण राजा आ‍शा अहीर द्वारा करवाया गया था।
  • किले की दीवारें 250 मीटर तक ऊंची हैं तथा इसके नीचे आशादेवी का मंदिर स्थित है।
  • इस किले को अभेद और दक्षिण का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
  • अकबर ने इसे जीतने के लिये चांदी की चाबी का उपयोग किया था, जो उसके लिये काला धब्‍बा कही जाती है।

मण्‍डला का किला

  • गौंड राजवंश के शासक नरेन्‍द्रशाह ने इसका निर्माण करवाया था।
  • मध्‍यप्रदेश का एकमात्र किला जिसके तीन ओर से नर्मदा का प्रवाह है।
  • विजयशाह ने मण्‍डला किले में राज-राजेश्‍वरी देवी की स्‍थापना की थी।
  • यह गौंड राजाओं की राजधानी तथा शक्ति का प्रमुख केन्‍द्र रहा है।

मंदसौर का किला

  • यह किला शिवना नदी के तट पर स्थित है।
  • इस किले का निर्माण 14वीं शताब्‍दी में अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था।
  • शिवमूर्ती तोरण स्‍तम्‍भ इसी किले में स्थित है।
  • 500 वर्ष पुराना तपेश्‍वर महादेव का मंदिर यहां स्थित है।

चंदेरी का किला

  • मध्‍यप्रदेश के चंदेरी में स्थित इस किले का निर्माण 11वीं शताब्‍दी में प्रतिहार नरेश कीर्तिपाल ने करवाया था।
  • यह बेतवा नदी के किनारे स्थित है।
  • इस किले में जौहर कुण्‍ड, हवा महल, नौखण्‍डा महल और खूनी दरवाजा आदि प्रसिद्ध हैं।
  • कहा जाता है कि जौहर कुण्‍ड में अकबर के आक्रमण के समय 800 राजपूत नारियां जलकर भस्‍म हो गई थी।
  • तालाब के किनारे लक्ष्‍मीनारायण मंदिर और क्षीर सागर कुण्‍ड भी स्थित है।

गिन्‍नौरगढ़ का किला

  • इसका निर्माण राजा उदयवर्मन ने 13वीं शताब्‍दी में करवाया था।
  • इस‍ किले में तोतों की भरमार हैं, जो उस समय देश में विख्‍यात थी।
  • यहां बादल महल, राजा रोहित महल और इत्रदार महल स्थित हैं।

ओरछा का किला

  • इसका निर्माण बुंदेला वंश के राजा वीर सिंह देव ने 17वीं शताब्‍दी में किया था ।
  • किले में चतुर्भुज मंदिर, रामराजा मंदिर और लक्ष्‍मीनारायण मंदिर आदि हैं।
  • दुर्ग में जहांगीर महल है, जहां अबुल फजल की हत्‍या की गई थी।

नरवर का किला

  • नरवर शिवपुरी का प्राचीन नाम है। जो राजा नल की राजधानी थी।
  • इस किले का संबध कछवाहों, तोमरों और जयपुर राजघरानों से सबंधित रहा है।

अमझेरा का किला

  • धार के पश्चिम में स्थित है।
  • इस किले का संबध राठौर राजपूत राजा बख्‍तावर सिंह के साथ रहा है।
  • वर्तमान में यह पूर्णतया जर्जर हो गया है।

अजयगढ़ का किला

  • इस किले का निर्माण राजा अजयपाल द्वारा किया गया था।
  • किले में बारीक पत्‍थरों की  पच्‍चीकारी का एक विशिष्‍ट कारीगरी की गई है।
  • किले में राजा अमन सिंह का महल विशेष दर्शनीय है।
  • मध्‍यप्रदेश के पन्‍ना जिले में अजयगढ़ एक छोटा सा नगर है।

बांधवगढ़ का किला

  • इसका निर्माण बघेलखण्‍ड के राजा व्‍याघ्रदेव ने 14वीं शताब्‍दी में कराया था।
  • 16-17वीं शताब्‍दी में बघेलखण्‍ड के राजा विक्रमादित्‍य ने अपनी राजधानी बांधवगढ़ से रीवा स्‍थानांतरित की थी।
  • यहां पर लेटे हुए भगवान विष्‍णु शिव शेषशैय्या पर लेटे हैं और इनके चरणों से चरणगंगा नदी का उद्गम होता है।

कालिंजर का किला

  • यह मध्‍यकालीन भारत का सर्वश्रेष्‍ठ और अजेय किला माना जाता था।
  • कालिंजर दुर्ग्‍ की विजय सूम्‍पूर्ण मध्‍यभारत की विजय मानी जाती थी।
  • शेरशाह सूरी की मृत्‍यु इसी दुर्ग में हुई थी।

हिंगलाजगढ़ का किला

  • राजपूत राजाओं की कुलदेवी के रूप में विराजमान हिंगलाजगढ़ देवी के पादपीठ यहां स्थित हैं।
  • मध्‍यप्रदेश के नीमच जिले में हिंगलाजगढ़ का किला स्थित है।
MP ke Pramukh Durg

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