भारत में साहित्य का विकास अत्यंत प्राचीन माना जाता है। MP ke Pramukh Sahityakar aur Unki Kritiya का संगम अद्वितीय है। विद्वानों का मानना है कि 1500 ई. पूर्व से 600 ई. पूर्व का काल ‘वैदिक काल’ कहलाता है। इसी काल में वैदिक साहित्य की रचना हुई। इसके बाद पाणिनी द्वारा ‘अष्टाध्यायी ‘ की रचना की गई व ‘छन्द’ भी रचे गये। ‘महाभारत’ का संकलन लगभग 100 ई. पूर्व माना जाता है। कालिदास के बाद भारवि (6वीं सदी), कुमारदास तथा माघ की रचनाएं आयी। ‘राजा भोज’ की श्रंगार मंजरी प्रेम के विभिन्न प्रकारों पर लिखा गया एक मनोरंजक चित्रमय उपन्यास है।
हिंदी भाषा की लिपी ‘देवनागरी’ का सर्वप्रथम उल्लेख चंदेल शासकों के अभिलेखों से मिलता है। ‘चंदबरदाई’ द्वारा रचित पृथ्वीराज रासों हिंदी भाषा का प्रथम महाकाव्य है। हिंदी साहित्य का अधिकतर विकास भक्ति और सूफी आंदोलन के दौरान हुआ।
MP ke Pramukh Sahityakar
इस समय मध्यप्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं जैसे- अवधि, ब्रज और मैथिली आदि में प्रसिद्ध ग्रंथों की रचनाएं हुई, जिनमें ‘तुलसीदास’ की अवधि भाषा में रचित रचनाएं क्रमश: रामचरितमानस, कवितावली, दोहावली, रामलला, जानकी मंगल और पार्वती मंगल आदि प्रसिद्ध हैं। ब्रज भाषा में ‘सूरदास जी’ ने सूरसागर और साहित्य लहरी की रचना की। ‘भारतेंदु हरिश्चन्द्र’ को आधुनिक हिंदी साहित्य का पिता कहा जाता है। उनकी प्रमुख रचनाएं– भारत दुर्दशा, अंधेर नगरी एवं हरिश्चंद्र चंद्रिका इनकी प्रमुख रचनाएं है।
भारत में, मध्यप्रदेश का नाम साहित्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की सूची में आता है। राज्य से संबंधित कुछ प्रमुख साहित्यकार निम्न हैं- महाकवि कालिदास, भर्तृहरि, भवभूति, केशवदास, माखनलाल चर्तुवेदी, सुभद्रा कुामरी चौहान, गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’, बालकृष्ण शर्मा’नवीन’, हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, अटल बिहारी वाजपेयी आदि।
महत्वपूर्ण साहित्यकार एवं उनके कार्य-
महाकवि कालिदास-
- इनका जन्म 4वीं शताब्दी ई.पू. माना जाता है।
- उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौ रतों में से कालिदास को एक माना जाता था।
- कालिदास का भारत का शेक्सपियर कहा जाता है।
- इनकी प्रमुख रचनाओं में मालविकाग्निमित्रम , मेघदूत, ऋतुसुख, रघुवंश और अभिाज्ञानशाकुंतलम आदि शामिल हैं।
भर्तृहरि–
- इनका जन्म 570 ई. पूर्व में उज्जैन में हुआ था।
- इन्हें व्याकरणिक उपनाम से भी जाना जाता है।
- वह उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य के बड़े भाई और गोरखनाथ के शिष्य थे।
- इनकी प्रमुख रचनाएं- त्रिकट-शतक, नितिशतक, श्रृंगारकष्टक और वैराग्य शतक।
- मृत्यु- उज्जैन में 651 ई.पू. में।
भवभूति-
- इनका जन्म 8वीं शताब्दी ई.पू. में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित ‘गोंडिया’ जिले में हुआ था।
- इनके गुरू का नाम ‘दयानिधिपरमहंस’ था।
- उन्होंने यमुना नदी के किनारे ‘कालपी’ में अपने ऐतिहासिक नाटकों की रचना की थी।
- भवभूति मुख्यत: नाटक रचित साहित्यकार थे, इनके प्रमुख नाटक मालतीमाधव, महावीरचरित, उत्तर रामचरित आदि हैं।
केशवदास–
- इनका जन्म 1555 ई. में मध्यप्रदेश के ‘ओरछा’ में हुआ था।
- इनकी प्रमुख रचनाएं रसिकप्रिया, रामचंद्रिका, कविप्रिया, रखसिख, दंदमाला, वीरसिंहदेवचरित, विज्ञान गीता और जहांगीर चंद्रिका शामिल हैं।
- इनकी प्रमुख रचना ‘रामचंद्रिका’ 30 खंडों में रामायण का संक्षिप्त अनुवाद है।
माखनलाल चतुर्वेदी-
- इनका जन्म मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गांव में हुआ था।
- वह राष्ट्रवादी पत्रिकाएं क्रमश: प्रभा, प्रताप ओर कर्मवीर के संपादक थे।
- इनकी प्रमुख रचनाएं दीप से दीप जले, साहित्य देवता, हिमतरंगिनी, युगचरण आदि प्रमुख है।
- वर्ष 1955 में ‘हिम तरंगिनी’ के लिये उन्हें पहला साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया।
- इसके बाद 1963 ई में उन्हें पदम भूषण से सम्मानित किया गया था।
- इनकी मृत्यु जनवरी 1968 ई. में भोपाल में हुई।
सुभद्रा कुमारी चौहान–
- इनका जन्म 16 अगसत 1904 को प्रयागराज, उत्तरप्रदेश में हुआ था।
- इनकी सबसे प्रसिद्ध रचना झांसी की रानी है, जो ‘रानी लक्ष्मीबाई’ के जीवन का वर्णन करती है।
- इनकी अन्य प्रमुख कविताएं वीरों का कैसा हो बसंत, राखी की चुनौती और विदा ।
- इन कविताओं के माध्यम से उन्होंने भारतीय युवाओं की बडी संख्या को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये प्रेरित किया।
- मध्यम वर्ग के जीवन यापन पर आधारित प्रमुख रचनाएं विखरे मोती और उन्मादिनी प्रमुख है।
- इनकी मृत्यु 1948 ई. में मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में हुई थी।
गजानन माधव मुक्तिबोध–
- इनका जन्म 13 नवंबर 1917 को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में हुआ था।
- इनकी प्रमुख रचनाएं कामायनी, एक पूर्ण विचार, एक साहित्य की डेयरी, चांद का मुंह टेढ़ा है, सतह से उठता आदमी और नई कविता का आत्म संघर्ष आदि हैं।
- इनकी मृत्यु 11 सितंबर 1964 में हबीबगंज, भोपाल में हुई।
बालकृष्ण शर्मा नवीन-
- इनका जन्म 8 दिसंबर 1897 को मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में हुआ था।
- वह गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे।
- वह ‘प्रभा’ नामक हिंदी भाषा की साहित्यिक पत्रिका के संपादक थे।
- वर्ष 1960 में पदम भूषण से सम्मानित।
- वह कानपुर निर्वाचन क्षेत्र से पहली लोकसभा के सदस्य थे।
- इनकी प्रमुख रचनाएं कुमकुम, रश्मिरेखा, अपालक, क्वासी, विनोबा सतावन और उर्मिला आदि।
- मृत्यु 29 अप्रैल 1960 दिल्ली में।
हरिशंकर परसाई–
- इनका जन्म 22 अगस्त 1924 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में हुआ।
- वह प्रसिद्ध व्यंग्यकार एवं हास्य लेखक थे।
- वह ‘जबलपुर’ से प्रकाशित होने वाली पत्रिका के संपादक थे।
- इनकी प्रमुख रचनाएं- दो नाक वाले लोग, एक पागलों का मिशन, क्रांतिकारी की कथा, पवित्रता का दौरा, पुलिस-मंत्री का पुतला, नया साल, घायल बंसत, भोलाराम की जीव और संस्कृति आदि।
- इनकी मृत्यु 10 अगस्त 1995 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुई।
शरद जोशी-
- इनका जन्म 21 मई 1931 को मध्यप्रदेश के उज्जैन में हुआ।
- इनके प्रमुख व्यंग्यातमक निबंध- अथा श्री गणेशय नम:, बिल्लियों का अर्थशास्त्र, बुद्धिजीवी, साहित्य का महावली, अध्यक्ष महोदय।
- प्रमुख नाटक- एक था गधा एवं अंधों का हाथी।
- प्रमुख किताबें एवं निबंध- किसी बहाने, तिलस्म, जीप पर सवारी, राह किनारे बैठ, मेरी श्रेष्ठ रचनाएं दूसरी सतह, यथासंभव, यत्र, तत्र सर्वत्र, यथासमय आदि।
- इनकी मृत्यु 5 सिंतम्बर 1991, मुंबई, महाराष्ट्र।
अटल बिहारी वाजपेयी–
- इनका जन्म 25 दिसंबर 1921 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ।
- वह भारत के 10 वें प्रधानमंत्री थे।
- वह 1996 (13 दिन), 1998 से 2004 तक दो बार गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे।
- इनकी प्रमुख पुस्तकें- भारत की विदेश नीति: नए आयाम, असम समस्या: दमन समाधान नहीं आदि हैं।
- इनकी मृत्यु 16 अगस्त 2018, दिल्ली में।
MP ke Pramukh Sahityakar
प्राचीनकालीन साहित्यकार | कालिदास, भर्तहरि, भवभूति, वाणभट्ट, नागार्जुन, भारवि, मण्डन मिश्र, भास्कर भट्ट, कवि विल्हण, शशिधर, पृथ्वीधर आदि। |
मध्यकालीन साहित्यकार | केशव, पदमाकर, भूषण, राजा, छत्रसाल, दामोदर दास, कुम्भनदास, हरिदास, पदमाकर, कृष्ण भट्ट आदि। |
आधुनिककालीन साहित्यकार | माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्रा कुमारी चौहान, बालकृष्णशर्मा नवीन, . द्वारका प्रसाद, भवानीप्रसाद मिश्र, हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, मुल्ला रमूजी, डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन, नंद दुलारे वाजपेयी, बालकवि बैरागी, दुष्यंत कुमार, श्रीकांत वर्मा, गजानन माधव मुक्तिबोध, श्रीकांत सरल आदि। |
MP ke Pramukh Sahityakar (प्राचीनकालीन )
क्र. | साहित्यकार | प्रमुख रचनाएं |
1 | कालिदास | अभिज्ञानशाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम्, मालविकाअग्निमित्रम, मेघदूतमद्, ऋतुसंहार, रघुवंशम, कुमारसंभवम्। |
2 | भर्तृहरि | श्रृंगार शतक, नीति शतक, वैराग्य शतक। |
3 | भवभूति | हर्षचरित, कादम्बरी, चण्डिका शतक, पार्वती, परिणय, मुकुट ताडि़तक। |
MP ke Pramukh Sahityakar (मध्यकालीन)
क्र. | साहित्यकार | प्रमुख रचनाएं |
1 | केशवदास | रामचन्द्रिका, जहांगीर रस चंद्रिका, वीर सिंह देव, रसिकप्रिया, कविप्रिया, विज्ञान गीता, नख-सिख, छन्दमाला रतन बावनी । |
2 | भूषण | शिवराज भूषण, शिवा बावनी, छत्रसाल दशक, भूषण उल्लास, दूषण उल्लास, भूषण हजारा। |
3 | पद्माकर | हिम्मत बहादुर विरूदावली, प्रतापसिंह बहादुर विरूदावली, जयसिंह बहादुर, विरूदावली, गंगालहरी, यमुना लहरी, प्रबोध पचासा, राम रसायन। |
MP ke Pramukh Sahityakar (आधुनिककालीन)
क्र. | साहित्यकार | प्रमुख रचनाएं |
1 | माखनलाल चतुर्वेदी | हिमकिरीटनी, हिमतरंगिनी, युगचरण, समर्पण, पांच-पांव अमीर इरादे, गरीब इरादे, कृष्ण अर्जुन नाटक, साहित्य देवता, माता, समय के पाव। |
2 | डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ | हिल्लोल, विध्ंय हिमालय, प्रलय सृजन, जीवन के गान, मिट्टी की बारात, विश्वास बढ़ता ही गया आखें नहीं भरी, युग का मोल। |
3 | सुभद्राकुमारी चौहान | मुकुल,त्रिधारा, बिखरे मोती, सीधे-साधे चित्र, सभा के खेल, वीरों का कैसा हो बसंत, उन्मादनी। |
5 | शरद जोशी | जीप पर सवार इलिलयां, राह किनारे बैठ, यथा संभव, दूसरी सतह, फिर किसी बहाने, अंधों का हाथी, एक था गधा, मैं, मैं और केवल मैं। |
6 | हरिशंकर परसाई | रानी नागफनी की कहानी, तट की खोज, भूत के पांव पीछे, शिकायत मुझे भी है, विकलांग, श्रृद्धा का दौर, हंसते है, रोते हैं, तब की बात और थी, ठिठुरता हुआ गणतंत्र। |
6 | गजानन माधव मुक्तिबोध | चांद का मुंह टेड़ा है, नए निबंध, भूरी-भूरी खाक धूल, एक साहित्यिक डायरी, नई कविता का आत्म संघर्ष, नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र, भारत इतिहास व संस्कृति। |
7 | बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ | कुमकुम, रश्मि रेखा, अपलक, विनोबा स्तवन, उर्मिला, हम विषपायी जनम के, क्वांसी प्राणार्पण, स्तवन । |
8 | भवानीप्रसाद मिश्र | गीत फरोश, चकित है दुख, अंधेरी कविताएं, गांधी पंचशप्ती, सतपुड़ा के घने जंगल, बुनी हुई रस्सी। |
9 | मुल्ला रमूजी | गुलाबी उर्दू, अंगुरा शादी, औरत जात, लाठी और भैंस, मुसाफिरखाना, सुबह की लताफलत, दीवाने मुल्ला रमूजी की जिन्दगी, शायरी जेग, मशहिरे भोपाल, तारीख। |
मध्यप्रदेश के प्रमुख साहित्यकार से संबधित महत्वपूर्ण तथ्य–
- कालिदास को भारत का शेक्सपीयर कहा जाता है।
- कालिदास की रचना कुमारसम्भवम् संस्कृत का ‘महाकाव्य’ है।
- इसमें शिव-पार्वती के विवाह, कुमार कार्तिकेय के जन्म के साथ तारकासुर वध की कथा का वर्णन है।
- अभिज्ञानशाकुन्तलम् कृति की विषयवस्तु राजा दुष्यन्त और शकुंतला का मिलन एवं प्रणय दुश्यों की भौतिकता है।
- भवभूति की तुलना कवि मिल्टन से की जाती है।
- केशवदास को कठिन काव्य के प्रेत और हृदयहीन कवि भी कहा जाता है।
- पं. माखनलाल चतुर्वेदी ने ‘प्रभा’ नामक पत्रिका का प्रकाशन तथा ‘कर्मवीर’ समाचार पत्र का प्रकाशन किया है।
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