दोस्तों आज हम लेकर आये हैं MP KI PRAMUKH GUFAYEN जो कि मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा के लिये अतिमहत्वपूर्ण हैं। मध्यप्रदेश में मुख्यत: बाघ की गुफाएं, भर्तहरि की गुफाएं, भीमबेटका की गुफाएं, उदयगिरी की गुफाएं, आदिशंकराचार्य की गुफाएं, आदमगढ़ की गुफाएं, धमनार की गुफाएं आदि पायीं जाती हैं। इनका विस्तृत वर्णन इस प्रकार है।
MP KI PRAMUKH GUFAYEN
बाघ की गुफाएं
यह गुफाएं मुख्यत: धार जिले में स्थित हैं। विंध्याचल की पहाडि़यों के दक्षिण में तथा बाघ नदी के समीप भव्य कलापूर्ण और चित्ताकर्षक गुफाएं स्थित हैं। बाघ नदी के किनारे होने के कारण इनका नाम ‘बाघ की गुफाएं’ रखा गया है।
- इन गुफाओं को 5वीं एवं 7वीं शताब्दी के मध्य चित्रित किया गया था।
- प्रारंभ में यहां 09 गुफाएं थी परंतु वर्तमान में केवल 04 ही रह गयी है।
- इन्हें पाण्डव की गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है।
- गुफा नं. 2-5 में बौद्ध से संबंधित चित्रकारी की गई है।
- गुफा नं. 04 में रंग-बिरंगी चित्रकारी की गई है।
भत्रहरि की गुफाएं-
इनका निर्माण भर्तहरि की स्मृति में परमार वंश के राजाओं ने 11वीं शताब्दी में कराया था। उज्जैन में कालियादेह महल के समीप स्थित हैं। इनमें प्राचीन उज्जैन नगर की सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक चित्र बनाये गये हैं। कुछ मान्यता है कि योगीराज भर्तहरि इन गुफाओं में साधना किया करते थे।
भीमबेटका की गुफाएं-
इनकी खोज प्रसिद्ध पुरातत्वविद श्री वाकणकर ने की थी । मध्यप्रदेश की एकमात्र गुफाएं, जिन्हें विश्व विरासत सूची में सम्मिलित किया गया है।
- भीमबेटका का अर्थ भीम की बैठक से है।
- यह रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित हैं।
- इन प्राकृतिक गुफाओं में मानव सभ्यता के विकास के प्रारम्भिक अवस्था के भित्ति चित्र उकेरे हुए हैं।
उदयगिरि की गुफाएं-
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में पहाड़ी पर स्थित हैं। यह गुफाएं 4वी व 5वीं शताब्दी की हैं, जो कि गुप्तवंश से संबधित हैं। गुफा नं. 01 व 20 जैन धर्म से संबधित हैं बाकी शेष हिंदू धर्म से संबधित हैं। गुफा नं. 05 में वराह की विशाल प्रतिमा है, जो पुराणों में वर्णित पृथ्वी के उद्धारक वारहा भगवान के अवतार से संबंधित हैं।
आदि शंकराचार्य की गुफाएं-
आदि शंकराचार्य की गुफाएं खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थित हैं। यह मंदिरों के साथ-साथ बनीं हुई हैं। यहां पर शंकराचार्य जी ने अपना तप किया था।
आदमगढ़ की गुफाएं-
आदमगढ़ की गुफाओं की खोज वर्ष 1960-61 में भारतीय पुरातत्व विभाग के श्री आर.वी. जोशी और एम.डी.खरे ने की थी। होशंगाबाद में नर्मदा नदी के तट पर यह विश्व विख्यात चित्रित शैलवत गुफाएं हैं।
धमनार की गुफाएं- मंदसौर जिले के गरोठ के पास स्थित हैं। यह गुफाएं मध्यप्रदेश के एलोरा के नाम से जानी जाती हैं।
पोलाडोंगर की गुफाएं- इनकी खोज पुरातत्वविद् ल्युअर्ड ने की थी। पोलाडोंगर की गुफाएं गरोठ से 20 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित हैं। इनका निर्माण पहाड़ी को पोल काटकर किया गया था। इसलिये इनका नाम पोलाडोंगर रखा गया है।
खेजडि़या भोप की गुफाएं–
इनकी खोज कैप्टन लुआर्ट व वाकणकर ने की थी। मंदसौर से दक्षिण-पूर्व में खेजडि़यां भोप स्थित है। यहां बौद्ध भिक्षुओं की 28 गुफाएं हैं। यह गुफाएं विहार, प्रवचन, सभा एवं शासक के लिये बनाई गई थीं।
धर्म राजश्वर की गुफाएं- इनकी खोज कर्नल टॉट ने की थी। यह मंदसौर के निकट गरोट में स्थित हैं।
मध्यप्रदेश में स्थित प्रमुख पुरातात्विक स्थल
क्र. | स्थल | शहर |
1 | आदमगढ़, खेंडीनामा | होशंगाबाद |
2 | डांगवाला, कायथा, नागदा | उज्जैन |
3 | त्यौंथर | रीवा |
4 | कसरावद, महेश्वर, नवादाटोली | खरगोन |
5 | बेसनगर, ग्यारसपुर | विदिशा |
6 | इंद्रगढ़ | इंदौर |
7 | एरण | सागर |
8 | पवाया | गवालियर |
09 | त्रिपुरी | जबलपुर |
10 | आवरा, दशपुर | मंदसौर |
11 | भीमबेठका | रायसेन |
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