MP ki Pramukh Nadiya । मध्‍यप्रदेश की नदियां

मध्‍यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है। मध्‍यप्रदेश में बहने वाली नदियां प्रायद्वीपीय नदियां कहलाती हैं। MP ki Pramukh Nadiya में चार बड़ी नदियां नर्मदा, चंबल, सोन व ताप्‍ती हैं। मध्‍यप्रदेश की अन्‍य महत्‍वपूर्ण नदियों में केन, बेतवा, क्षिप्रा, पार्वती, तवा, कालीसिंध, सिंध, सरस्‍वती, खान, माही, बैनगंगा, मान, वर्धा, पेंच और कुंवारी आदि है।

MP ki Pramukh Nadiya- संक्षेप में

क्र.नदीलंबाईउद्गम स्‍थलअवसानसहायक नदियां
1नर्मदा1312अमरकंटकखम्‍भात की खाड़ी मेंतवा, वनास, तिन्‍दोली आदि
2चम्‍बल965जानापाव पहाड़ी सेइटावा के समीप यमुना मेंकालीसिंध, पार्वती, बनास, क्षिप्रा
3ताप्‍ती724बैतूल जिले के मुल्‍ताई सेखम्‍भात की खाड़ी मेंवारणा
4सोन784अमरकंटकपटना के पास गंगा मेंजोहिला
5बेतवा590  कुमरा गांवयमुना मेंबीना, धसान
6तवा117महादेव पर्वतनर्मदा मेंदेनवा, मालिनी
7क्षिप्रा195काकरीवर्डीचम्‍बलखान नदी
8पार्वती150आष्‍टा सेचम्‍बल में 
9कालीसिंध150बागली सेचम्‍बल में 
10सिंध470सिरोंज सेचम्‍बल में 
11केन427विंध्‍याचल पर्वतयमुना मेंगुर्वे, पर्वा, सनार
12वेनगंगा सिवनीवर्धाकानन, पेंच
13वर्धा वर्धन शिखरबेनगंगा 
14शक्‍कर अमरबाड़ा नर्मदा में 
15छोटी तवा बैतूल सेआवना, खंडवा 
16गार लखनानर्मदा में 
17कुंवारी शिवपुरी पठारचम्‍बल में 
18कुनू180शिवपुरी पठारचम्‍बल में 
19धसान365रायसेनबेतवा नदी मेंउर व केंथन
20टोंस320कैमूर पहाड़ीगंगा नदी में 
21माही583सरदारपुरखम्‍भात की खाड़ी मेंउजास
22मान सतपुडा पहाड़ीनर्मदा में 

MP ki Pramukh Nadiya के नदी अपवाह तंत्र

  • मध्‍यप्रदेश के अपवाह तंत्र को दो भागों में बांटा जा सकता है-
    1. खंभात की खाड़ी का तंत्र- इसके अंतर्गत नर्मदा नदी तंत्र, ताप्‍ती नदी तंत्र ओर माही नदी तंत्र को रखा गया है।
    2. बंगाल की खाड़ी का तंत्र- इसके अंतर्गत गंगा नदी तंत्र और गोदावरी नदी तंत्र को रखा गया है।

नर्मदा नदी तंत्र

इस नदी तंत्र का निर्माण नर्मदा और उसकी सहायक नदियां मिलकर करती हैं। यह नदियां पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हुई अरब सागर में जाकर मिल जाती हैं।  इस नदी तंत्र के अंतर्गत आने वाली नदियां निम्‍नलिखित हैं-

नर्मदा  

  • नर्मदा नदी को रेवा, मैकलसुता, सोमो देवी के नाम से जाना जाता है।
  • टालमी ने नर्मदा को नामोदोष के नाम से पुकारा था।
  • नर्मदा संस्‍कृत भाषा का शब्‍द है, इसका अर्थ है- खुशी का दाता ।
  • मध्‍यप्रदेश की सबसे बडी नदी है और भारत की ऐसी सबसे बडी नदी है, जो पश्चिम की ओर बहती है।
  • यह अनूपपुर जिले की अमरकंटक की पहा‍डि़यो की मैकल श्रेणी से 1051 फीट की ऊंचाई से निकलती है।
  • मध्‍यप्रदेश के 15 जिलों से होकर बहती है यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर भारत के तीन राज्‍यों से बहते हुए अरब सागर मे गिर जाती है।
  • यह एश्‍चुअरी(ज्‍वारनदमुख) का निर्माण करती है।
  • नर्मदा नदी को मध्‍यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता हे।
  • इसी कुल लंबाई 1312 किमी है, जबकि मध्‍यप्रदेश में इसकी लंबाई 1077 किमी है। इसके बाद गुजरात में इसकी लंबाई अधिक है।
  • सका कुल अपवाह तं9 93180 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • इसको शिवपुत्री के नाम से जाना जाता है।
  • इसका अपवाह क्षेत्र वृक्ष के समान देखने को मिलता है।
  • नर्मदा नदी भारत के उत्‍तरी एवं दक्षिणी भाग को विभाजित करती है।
  • यह कर्क रेखा के समानातर बहती है।
  • नर्मदा नदी के किनारे हथनौरा ग्राम में मानव के खोपडी तंत्र मिला है।
  • इसकी कुल सहायक नदियां 41 है। इसकी सहायक नदियों को 02 भागों में बांटा गया है-

दायें तट की सहायक नदियां- हिरन, तिंदोनी, चंद्रकेश्‍वर, बारना, जामनेर, मान एवं हथनी कुल 19 नदियां इसके अंतर्गत आती हैं।

वाये तट की सहायक नदियां– इसके अंतर्गत कुल 22 नदियां आती हैं जैसे- शक्‍कर, दूधी, तवा, गजाल छोटी तवा आदि। सबसे महत्‍वपूर्ण सहायक नदी तवा नदी है।

MP ki Pramukh Nadiya (नर्मदा नदी के जलप्रपात)

क्र.जलप्रपातक्षेत्र
1कपिलधाराअनूपपुर
2दुग्‍धधाराअनूपपुर
3धुआंधारजबलपुर, भेडाघाट
4सहस्‍त्रधारामहेश्‍वर, खरगोन
5मंधारबड़वाह
6दर्दी जलप्रपातखंडवा
  • नर्मदा नदी मध्‍यप्रदेश के अनूपपुर से निकलकर अंत में अलीराजपुर जिले से होकर महाराष्‍ट्र राज्‍य में प्रवेश कर जाती है।
  • यह ओंकारेश्‍वर में मांधाता पहाडी के पास ओमकारेश्‍वर द्वीप का निर्माण करती है।
  • इस नदी के तट पर स्थित प्रमुख शहर- अमरकंटक, मंडला, होंकारेश्‍वर, महेश्‍वर, मेमावर, बडवाह, जबलपुर, होशंगाबाद नरसिंहपुर, बडवानी व अलीराजपुर।

नर्मदा नदी पर स्थित बांध और परियोजनाएं

क्र.प्रमुख बांधक्षेत्र
1इंदिरा सागरखंडवा
2महेश्‍वरखरगोन
3बरगीजबलपुर
4ओंकारेश्‍वरखंडवा
5सरदार सरोबरभडौच, गुजरात

तवा नदी

मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद जिले की पचमढ़ी में स्थित महादेव पर्वत की कालीभीत पहाडियों से निकलती है। इसकी कुल लंबाई 180 किमी है। यह नर्मदा की सबसे बडी सहायक नदी है। राज्‍य का दूसरा सबसे लंबा नदी सड़क पुल स्थित है। पचमढी तवा नदी के तट पर स्थित है। मालिनी और देनवा तवा की सहायक नदियां है।

ताप्‍ती नदी तंत्र

इस नदी तंत्र का निर्माण ताप्‍ती और उसकी सहायक नदियां मिलकर ताप्‍ती नदी तंत्र का निर्माण करती हैं। इस नदी तंत्र के अंतर्गत आने वाली नदियां निम्‍नलिखित हैं।

ताप्‍ती नदी-

इसे महाभारत में सूर्य भगवान की पुत्री कहा गया है। इसका उद्गम मध्‍यप्रदेश के बैतूल जिले की मुल्‍ताई पहाडि़यों से होता है। इसकी कुल लंबाई 724 किमी है जबकि राज्‍य में 322 किमी लंबी है। इसे नर्मदा की जुडवा बहन के नाम से जाना जाता है। यह अपने मुहाने पर एश्‍चुरी का निर्माण करती है।

  • यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहते हुए मध्‍यप्रदेश से बहते हुए महाराष्‍ट्र से होते हुए गुजरात से निकलकर अरब सागर में मिल जाती है।
  • मल्‍ताई, बुरहानपुर ओर सूरत शहर, ताप्‍ती के किनारे बसे हैं।
  • पूर्ण, बाहुद, गिरना, बोरी, पंछरा और शिवा इसकी सहायक नदियां है।
  • इस नदी पर महाराष्‍ट्र और मध्‍यप्रदेश की संयुक्‍त परियोजना निर्मित है, जिसे अपर एवं लोअर ताप्‍ती परियोजना कहा जाता है।

माही नदी तंत्र

इस नदी तंत्र का निर्माण माही और उसकी सहायक नदियां मिलकर करती हैं। इस नदी तंत्र के अंतर्गत आने वाली नदियां निम्‍नलिखित हैं-

माही नदी-

इसे पृथ्‍वी पुत्री के नाम से जाना जाता है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली मध्‍यप्रदेश की तीसरी नदी है। धार जिले के सरदारपुर कस्‍बे से निकलती है। रतलाम से बहते हुए राजस्‍थान में प्रवेश कर गुजरात से होते हुए खम्‍भात की खाड़ी में गिर जाती है। यह भारत की एकमात्र नदी है, जो कर्क रेखा को दो बार काटती है। इस नदी की कुल लंबाई 543 किमी है।

गंगा नदी तंत्र

गंगा और उसकी सहायक नदियां मिलकर इस नदी तंत्र का निर्माण करती है। इस नदी तंत्र के अंतर्गत आने वाली प्रमुख नदियां निम्‍नलिखित हैं-

चंबल नदी

यह मध्‍यप्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नदी है। इसकी कुल लंबाई 965 किमी है, जबकि म.प्र. में इसकी लंबाई 320 किमी है। इंदौर जिले के महू के निकट सिगार चोटी के पास जानापाव पहाड़ी के वाचू पाइंट से निकलती है। इसे चर्मावती, धर्मावती, कामधेनु, रतिदेव एवं कीर्ति के नाम से जाना जाता है।

  • यह चित्‍तौड़गढ़ में राजस्‍थान व मध्‍यप्रदेश की सीमा बनाती है।
  • रतलाम, श्‍योपुर और मुरैना इस नदी के तट पर स्थित शहर है।
  • इसकी प्रमुख सहायक नदियां- कालीसिंध, पार्वती, बनास एवं क्षिप्रा हैं।
  • चंबल नदी राजस्‍थान से बहते हुए मध्‍यप्रदेश के श्‍योपुर में प्रवेश करती है और इटावा उ.प्र. से होते हुए यमुना नदी में मिल जाती है। यह यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी है।

इसके प्रमुख जलप्रपात- राजस्‍थान के भैंसरोगढ़ में 18 मीटर ऊंचा चूलिया जल प्रपात स्थित है। मध्‍यप्रदेश में झाडीदाह जलप्रपात है।

  • चम्‍बल मुरैना, श्‍योपुर और भिंड जिलों की चट्टानों को काटते हुए गहरे खडडों का निर्माण करती है।
  • यह नदी मध्‍यप्रदेश-उत्‍तरप्रदेश के बीच 112 किमी लंबी सीमा का निर्माण करती है। जबकि मध्‍यप्रदेश ओर राज्‍सथन के बीच 216 किमी लंबी सीमा का निर्माण करती है।
  • उत्‍तरप्रदेश में यमुना, चंबल, कुंवारी, सिंध और पहुच नदियां मिलकर बिठौली गांव में पंचनद बनाती हैं।

क्षिप्रा नदी

इसे मालवा की गंगा के नाम से जाना जाता है। पूर्ण सलिला, पापहारिणी, अवंति, सोमवती आदि नामों से भी जानी जाती है। यह इंदौर के काकरीबर्डी पहाडी से निकलती है। इस नदी की कुल लंबाई 195 किमी है। यह देवास, उज्‍जैन, रतलाम एवं मंदसौर से बहती हुई चंबल नदी में मिल जाती है। इसकी सहायक नदी खान नदी है, जो कि इंदौर में बहती है।   

  • उज्‍जैन का कुंभ मेंला इसी नदी के किनारे आयोजित किया जाता है।
  • रामघाट, क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है।

खान नदी

इसे कान्‍ह नदी के नाम से जाना जाता है। प्राचीन नाम क्षाता या ख्‍याता है। यह इंदौर के रालामण्‍डल की पहाडी से निकलती है। कान्‍ह नदी और क्षिप्रा नदी के संगम स्‍थल को त्रिवेणी घाट के नाम से जाना जाता है। इसकी प्रमुख सहायक नदी सरस्‍वती है। खान और सरस्‍वती के संगम पर ही इंदौर शहर बसा है।

पार्वती नदी- यह सीहोर जिले के आष्‍टा शहर से निकलती है और उत्‍तर की ओर बहते हुए कोटा में चम्‍बल नदी में मिल जाती है। कालिदास ने इस नदी को निर्विघण्‍या कहा है। इस नदी को पारा के नाम से भी जाना जाता है।

कालीसिंध- इसका उद्गम देवास जिले के बागली के पास विंध्‍याचल पहाडि़यों से होता है। मध्‍यप्रदेश में इसकी कुल लंबाई 150 किमी है। यह नदी मध्‍यप्रदेश के राजगढ़ से होते हुए राजस्‍थान के कोटा जिले में चम्‍बल नदी से मिल जाती है। देवास और सोनकच्‍छ शहर इसी नदी के किनारे बसे हैं।   

सोन नदी

इसे सोन, सोनपालिका, रिण्‍यबाहु व स्‍वर्ण नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह मध्‍यप्रदेश से निकलकर उत्‍तरप्रदेश, झारखंड राज्‍यों से बहती हुए बिहार के पटना जिले में गंगा नदी से मिल जाती है। सोन नदी मध्‍यप्रदेश के अनूपपुर जिले में अमरकंटक की पहाडि़यों से निकलती है। यह राज्‍य की तीसरी सबसे लंबी नदी है।

  • इसकी कुल लंबाई 780 किमी जबकि राज्‍य में इसकी लंबाई 509 किमी है।
  • पटना शहर, सोन और गंगा के संगम स्‍थल पर स्थित है।
  • इसकी प्रमुख सहायक नदियां रिहंद, जोहिला, गोपर उत्‍तरी और कोईला हैं।
  • शहडोल शहर सोन नदी के किनारे बसा है।
  • बाणसागर परियोजना, शहडोल में इसी नदी पर निर्मित है। 
  • दुर्लभ प्रजाति के कछुए और घडियालों का संरक्षण इसी नदी पर किया जा रहा है।

टोंस नदी– इसे तमसा व ताऔन के अन्‍य नामों से भी जाना जाता है। यह सतना जिले के कैमूर श्रेणी से निकलती है। सोनकर, बेलाज, महान, बबई और वेलन टोंस की सहायक नदियां है। यह उत्‍तर-पूर्व की ओर बहते हुए इलाहाबाद के निकट सिरसा में गंगा नदी से मिल जाती है।

बेतवा नदी-

इसे वेत्रवती या वेत्रावती के नाम से भी जाना जाता है। रायसेन के कुमरा गांव से निकलती है। इसकी कुल लंबाई 480 किमी है। बीना, धसान, जामनी व हलाली इसकी मुख्‍य सहायक नदियां है।

  • इसे बुंदेलखण्‍ड की जीवन रेखा भी कहा जाता है।
  • सांची और विदिशा शहर बेतवा नदी के तट पर स्थित हैं।
  • यह यमुना की सहायक नदी है, हमीरपुर के पास यमुना नदी में मिल जाती है।
  • माताटीला बांध बेतवा नदी पर स्थित है।
  • भारत का पहला नदी जोडो प्रोजेक्‍ट बेतवा-केन लिंक प्रोजेक्‍ट है।
  • यह परियोजना पन्‍ना नेशनल पार्क से होकर गुजरती है।
  • कंचन घाट, औरछा में बेतवा नदी के तट पर स्थित है।

सिंध नदी-

यह विदिशा के सिरोंज से निकलती है। यह यमुना की सहायक नदी है। यह उत्‍तर-पूर्व की ओर बहते हुए शिवपुरी, दतिया, ग्‍वालियर और भिण्‍ड जिलों से होते हुए इटावा जिले में यमुना नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 470 किमी है। पहॅुच, कुंवारी, माहुर एवं पार्वती इसकी प्रमुख सहायक नदियां है।

MP ki Pramukh Nadiya कुंवारी नदी-

यह सिंध नदी की सहायक नदी है। शिवपुरी के पठार से निकलती है। चंबल के समानांतर बहते हुए भिंड जिले में सिंध नदी में मिल जाती है।

केन नदी-

इसे शुक्तिमती, कर्णवती, कैनास के नाम से भी जाना जाता है। कटनी के भांडेर श्रेणी से निकलकर उत्‍तरप्रदेश के चिला गांव में यमुना नदी में मिल जाती है। पन्‍ना नेशनल पार्क से होकर बहती है। यही पर पांडव जलप्रपात स्थित है।

MP ki Pramukh Nadiya- गोदावरी नदी तंत्र

बैनगंगा और उसकी सहायक नदियां मिलकर  बैनगंगा नदी तंत्र का निर्माण करती हैं। इस नदी तंत्र के अंतर्गत आने वाली नदियां निम्‍नलिखित हैं-

बैनगंगा– दक्षिण की ओर बहने वाली मध्‍यप्रदेश की सबसे बड़ी नदी है। यह सिवनी जिले के पारसवाड़ पठार से निकलती है। इसकी कुल लंबाई 570 किमी है। वर्धा इसकी प्रमुख सहायक नदी है। बैनगंगा और वर्धा का संगम महाराष्‍ट्र के भंडारा जिले में होता है, इसे प्राणहिता के नाम से जाना जाता है।

वर्धा नदी- यह बैतूल के मुल्‍ताई पहाड़ी से निकलती है, दक्षिण की ओर बहते हुए महाराष्‍ट्र में बेनगंगा से मिल जाती है।

पेंच नदी- यह छिंदवाड़ा जिले की सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के दक्षिण पठार से निकलती है। यह कान्‍हान नदी की सहायक नदी है।

MP ki Pramukh Nadiya से संबंधित परीक्षापयोगी तथ्‍य-

  • बेतवा नदी को प्रदूषण के आधार पर मध्‍य प्रदेश की गंगा कहा जाता है।
  • पवित्रता के आधार पर मध्‍यप्रदेश की गंगा नर्मदा नदी को कहा जाता है।
  • मालवा की गंगा क्षिप्रा नदी को कहा जाता है।
  • नर्मदा बचाओं आंदोलन की नेतृत्‍वकर्ता मेधा पाटकर हैं।
  • हलाली परियोजना को सम्राट अशोक परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
  • झालकुण्‍ड जलप्रपात बीना नदी पर सागर के पास राहतगढ में स्थित है।
  • मान नदी धार जिले से निकलती है, नर्मदा नदी की सहायक नदी है।
  • मंदसौर, सिवना नदी के तट पर स्थित है, जोकि चंबल की सहायक नदी है।
  • विश्‍व प्रसिद्ध पशुपति नाथ का मंदिर सिवना नदी के तट पर मंदसौर में स्थित है।
  • केन नदी को दीर्णवती के नाम से भी जाना जाता है।
  • पहॅूच, बेतवा और जामनी नदियां मध्‍यप्रदेश और उत्‍तरप्रदेश की प्राकृतिक सीमा बनाती हैं।
  • मध्‍यप्रदेश का सबसे ऊंचा जल प्रपात चचाई जलप्रपात (130 मीटर)  है, जो कि रीवा जिले में बीहड नदी पर स्थित है।
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