MP Lok Seva Ayog । मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग

MP Lok Seva Ayog का गठन 01 नवंबर 1956 को अनुच्‍छेद-315 के तहत किया गया है। जबकि इसकी स्‍थापना 27 अक्‍टूबर, 1956 को राष्‍ट्रपति के आदेश से राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 118 (3) के तहत की गई। इसका मुख्‍यालय ‘इंदौर’ में है। यह एक संवैधानिक निकाय है। इसके प्रथम अध्‍यक्ष डी.वी. रेगे  व  अंतिम अध्‍यक्ष भास्‍कर चौबे (17 वें) थे। राजेश मेहरा वर्तमान कार्यकारी अध्‍यक्ष हैं। इसकी स्‍थापना के समय राष्‍ट्रपति व प्रधानमंत्री क्रमश:  राजेंद्र प्रसाद व जवाहर लाल नेहरू थे।

  • आयोग का संवैधानिक प्रमुख अध्‍यक्ष होता है एवं कार्यकारी प्रमुख सचिव होता है।
  • आयोग की कार्यपालन शक्ति औपचारिक रूप से अध्‍यक्ष में निहित होती है।
  • अध्‍यक्ष इस शक्ति का प्रयोग संविधान तथा मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग (लिमिटेशन ऑफ फंक्‍शन) रेगूलेशन, 1957 के अनुसार सीधे अथवा अपने अधीनस्‍थ अधिकारियों के माध्‍यम से करता है।

Terms and Conditions related to MP Lok Seva Ayog

  1. मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग (लिमिटेशन ऑफ फंक्‍शन) रेगूलेशन, 1957।
  2. लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्तें) विनियम, 1973।
  3. राज्‍य सेवा परीक्षा नियम, 1989।

लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्तें) विनियम, 1973-

  • सेवा की शर्तें राज्‍यपाल द्वारा अनुच्‍छेद 318 के तहत निर्धारित की गईं हैं।
  • उक्‍त विनियम 01 अप्रैल 1972 से लागू किये गये।
  • इसकी धारा 3 के अनुसार सदस्‍यों की संख्‍या 05 से अधिक नहीं होगी एवं इन्‍ही सदस्‍यों में से एक सदस्‍य को आयोग के अध्‍यक्ष के रूप में राज्‍यपाल नियुक्‍त करेगा।
  • इसकी धारा 4 वेतन से संबंधित है। इसके अनुसार अध्‍यक्ष का वेतन राजस्‍व मंडल के अध्‍यक्ष के समान होगा एवं अन्‍य सदस्‍यों का वेतन राजस्‍व मंडल के सदस्‍य के समान हेागा।
  • धारा 21 सचिव की नियुक्ति से संबंधित है, जिसे राज्‍यपाल नियुक्‍त करेगा।
  • धारा- 27 एवं 28 के अंतर्गत कर्मचारियों की नियुक्ति एवं पेनाल्‍टी देने से संबधित है।

Chairman of MP Lok Seva Ayog

क्र.अध्‍यक्षकार्यकाल
1डी वी रेगे1956 से 1957
2एच.सी. सेठ1957 से 1960
3एस.पी. मुशरान1960 से 1963
4आर राधाकृष्‍णन1963 से 1969
5एम. पी श्रीवास्‍तव1969 से 1972
6के.सी. तिवारी1972 से 1974
7के. एन. सिन्‍हा1974 से 1978
8एन. सुंदरम्1978 से 1984
9एम.बी. पीटरजनवरी 1986 से नवबंर 1986
10एस.एल शर्मा1986 से 1991
11जे.एन. कोल1992 से 1996
12ओम प्रकाश मेहरा1996 से 1999
13विनय शंकर दुबे2000 से 2006
14प्रदीप कुमार जोशी2006 से 2011
15अशोक कुमार पाण्‍डेय2012 से 2015
16विपिन ब्‍योहर2015 से 2017
17भास्‍कर चौबे2018 से 2020

Present Members of MP Lok Seva Ayog

क्र. नाम पद
1डॉ राजेश लाल मेहराकार्यकारी अध्‍यक्ष
2चंद्रशेखर रायकबारसदस्‍य
3रमन सिंह सिकरबारसदस्‍य
4देवेन्‍द्र सिंह मारकामसदस्‍य
प्रबल सपहा (आइएएस)सचिव
6राखी सहायउपसचिव

संवैधानिक प्रावधान- अनुच्‍छेद (315-323)

अनुच्‍छेद 315- संघ और राज्‍यों के लिये एक लोक सेवा आयोग।

अनुच्‍छेद 315(1)-

  • प्रत्‍येक राज्‍य के लिये एक राज्‍य लोक सेवा आयोग होगा।
  • दो या दो से अधिक राज्‍य सहमति से संयुक्‍त लोक सेवा आयोग के गठन के लिए करार कर सकेंगे, जिसका संकल्‍प उन दोनों राज्‍यों के विधानमंडल के प्रत्‍येक सदन (अगर दो सदन हो तो) द्वारा पारित किया जाना आवश्‍यक है, जिसके बाद संसद संयुक्‍त लोक सेवा आयोग के गठन का उपबंध बना सकेगी।

अनुच्‍छेद 316- सदस्‍यों की नियुक्ति एवं कार्यकाल ।

अनुच्‍छेद 316(1)-

  • इसमें अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की नियुक्ति तथा योग्‍यताएं।
  • अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की नियुक्ति राज्‍यपाल द्वारा की जायेगी ।
  • संयुक्‍त आयोग के अध्‍यक्ष और अन्‍य सदस्‍यों की नियुक्ति राष्‍ट्रपति करेगा।
  • भारत या राज्‍य सरकार में 10 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव हो।

अनुच्‍छेद 316(1)(अ)-

  • राज्‍य लोक सेवा आयोग के अध्‍यक्ष का पद रिक्‍त होने पर राज्‍यपाल किसी एक सदस्‍य को कार्यकारी अध्‍यक्ष की नियुक्ति करेगा।
  • 15 वें संविधान संशोधन 1963 द्वारा यह जोडा गया।

अनुच्‍छेद 316(2)-

  • इसके सदस्‍यों की पदावधि 06 वर्ष या अधिकतम आयु 62 वर्ष।
  • 41वें संविधान संशोधन अधिनियम-1976 के द्वारा राज्‍य लोक सेवा आयोग के सदस्‍यों की उम्र 60 से 62 वर्ष की गई। 
  • त्‍याग पत्र राज्‍यपाल के नाम देना होगा।

अनुच्‍छेद 316(3)-

  • पुन: उसी पद पर नियुक्ति नहीं होगी।

अनुच्‍छेद 317- लोक सेवा आयोग के सदस्‍यों की बर्खास्‍तगी और निलंबन।

अनुच्‍छेद 317(1)-

  • अध्‍यक्ष व सदस्‍यों को हटाने की प्रक्रिया।
  • इनको हटाने की शक्ति राष्‍ट्रपति के पास होगी । हटाने का आधार साबित कदाचार होगा। (अनुच्‍छेद 145 के तहत उच्‍चतम न्‍यायालय की जांच के बाद)
  • संयुक्‍त लोक सेवा आयोग की दशा में राष्‍ट्रपति एवं राज्‍य लोक सेवा आयोग की दशा में राज्‍यपाल, अध्‍यक्ष या किसी सदस्‍य को तब तक निलंबित कर सकता है जब तक की उच्‍चतम न्‍यायालय का प्रतिवेदन मिलने पर राष्‍ट्रपति द्वारा कोई निर्णय न दिया गया हो।

अनुच्‍छेद 318- आयोग के सदस्‍यों एवं कर्मचारियों की सेवा-शर्तों के संदर्भ में ।

  • आयोग के सदस्‍य और कर्मचारियों की सेवा शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति।
  • संयुक्‍त लोक सेवा आयोग की दशा में राष्‍ट्रपति एवं राज्‍य लोक सेवा आयोग की दशा में राज्‍यपाल, विनयम द्वारा-
  • नियुक्ति के पश्‍चात् सेवा की शर्तों में किसी तरह का कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जायेगा।

अनुच्‍छेद 319- सदस्‍यों की सदस्‍यता समाप्‍त होने के पश्‍चात् पद पर बने रहने पर रोक।

  • आयोग के सदस्‍यों द्वारा ऐसे सदस्‍य न रहने पर पद धारण करने के सबंध में प्रतिषेध।
    1. किसी राज्‍य लोक सेवा आयोग का अध्‍यक्ष– संघ लोक सेवा आयोग के अध्‍यक्ष या अन्‍य सदस्‍य के रूप में अथवा किसी अन्‍य राज्‍य लोक सेवा आयोग के अध्‍यक्ष के रूप में नियुक्ति का पात्र, किंतु भारत सरकार अथवा किसी राज्‍य सरकार के अधीन विभाग में नियुक्ति का पात्र नहीं होगा।
    2. किसी राज्‍य लोक सेवा आयोग का सदस्‍य- संघ लोक सेवा आयोग के अध्‍यक्ष या अन्‍य सदस्‍य के रूप में अथवा किसी अन्‍य राज्‍य लोक सेवा आयोग के अध्‍यक्ष के रूप में नियुक्ति का पात्र, किंतु भारत सरकार अथवा किसी राज्‍य सरकार के अधीन विभाग में नियुक्ति का पात्र नहीं होगा।

अनुच्‍छेद 320- मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्य ।

  • लोक सेवा आयोग के कार्य
    1. राज्‍य सरकार में नियुक्ति के लिये परीक्षा का संचालन करना।
    2. राज्‍य के राज्‍यपाल को अनुच्‍छेद-320 (3) के तहत सलाह देना।
    3. प्रतिवर्ष राज्‍यपाल को राज्‍य लोक सेवा आयोग द्वारा किये गए कार्य की रिपोर्ट देना।
    4. राज्‍यपाल, विधानमंडल के प्रत्‍येक सदन के समक्ष 14-14 दिनों के लिये रिपोर्ट समीक्षा के लिये भेजी जायेगी।

अनुच्‍छेद 321- मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्यों को विस्‍तारित करने की शक्ति।

  • लोक सेवा आयोग के कार्यों को विस्‍तार करने की शक्ति विधानमंडल के पास होगी। ।

अनुच्‍छेद 322- मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग के व्‍यय।

  • लोक सेवा आयोग के सदस्‍यों एवं कर्मचारियों के वेतन भत्‍ते राज्‍य के संचित निधी पर भारित होगें।

अनुच्‍छेद 323- मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग की रिपोर्ट।

  • लोक सेवा आयोग का रिपोर्ट/प्रतिवेदन।

Training Academy of MP Lok Seva Ayog

  1. जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी, सागर
  2. आरसीवीपी नरोन्‍हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल

जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी, सागर

वर्ष 1986 से मध्‍यप्रदेश में पुलिस उपाधीक्षक और उप निरीक्षकों के लिये पुलिस प्रशिक्षण जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी, सागर में शुरू किया गया है।

आरसीवीपी नरोन्‍हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल  

स्‍थापना वर्ष 1966 । प्रारंभ में इसे लालबहादुर शास्‍त्री लोक प्रशासन संस्‍थान के नाम से जाना जाता था। यहां मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा डिप्‍टी कलेक्‍टर के पद पर चयनित अभ्‍यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

  • वर्ष 1975 में इसका नाम मध्‍यप्रदेश प्रशासन अकादमी रखा गया।
  • अंत में वर्ष 2001 मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्‍य सचिव की स्‍मृति में अकादमी का नाम आर.सी.वी.पी. नरोन्‍हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी कर दिया गया।

Important Facts Related to MP Lok Seva Ayog

  • भोपाल एवं विध्‍य क्षेत्र के लिये कोई राज्‍य लोक सेवा आयोग नहीं था। जबकि यहां परीक्षाएं संघ लोक सेवा आयोग कराता था।
  • मध्‍यभारत लोक सेवा आयोग द्वारा मध्‍यप्रदेश में परीक्षाएं कराई जाती थी।
  • मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रथम परीक्षा का आयोजन वर्ष 1958 में किया गया था।
  • अब तक कोई महिला अध्‍यक्ष नहीं रही है।
  • संविधान के अनुच्‍छेद 315 से 323 तक राज्‍य लोक सेवा आयोग का वर्णन किया गया है।
MP Lok Seva Ayog

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