नर्मदापुरम संभाग का प्रार्दुभाव 27 अगस्त 2008 को हुआ था। Narmadapuram Division में कुल 03 जिले हैं। इसका मुख्यालय नर्मदापुरम् में स्थित है। इसके संभागायुक्त श्री माल सिंह जी है। इस संभाग के प्रमुख जिले क्रमश: होशंगाबाद, बैतूल और हरदा हैं। यह जनसंख्या की दृष्टि से प्रदेश का सबसे छोटा संभाग है। इनका विस्तृत वर्णन इस प्रकार है।
Narmadapuram Division
होशंगाबाद जिला-
इसे नर्मदापुरम् के नाम से भी जाना जाता है। होशंगाबाद शहर का निर्माण नर्मदा नदी के किनारे होशंगशाह ने करवाया था। होशंगशाह को अल्प खान के नाम से भी जाना जाता था। होशंगाबाद जिले में मध्यप्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी स्थित है।
- राज्य की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ (1350 मी.) इस जिले में स्थित है।
- बोरी घाटी, सागौन वनों के लिये प्रसिद्ध है।
- पचमढ़ी, प्रदेश का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान है।
- सिक्योरिटी पेपर मिल, होशंगाबाद में स्थित है, जहां नोट का कागज बनाया जाता है।
- मध्यप्रदेश का पहला जैव आरक्षित क्षेत्र पचमढ़ी में 1999 ई. में स्थापित किया गया है, जिसे यूनेस्को ने अपनी संरक्षित सूची में स्थान दिया है।
- वनखेड़ी में रेलवे स्लीपर बनाने का कारखाना स्थित है।
- नर्मदा और तवा नदियों का संगम होशंगाबाद के बांद्राभान नामक स्थान पर होता है।
- मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा सड़क पुल तवा नदी पर बाबई नामक स्थान पर बनाया गया है।
- मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन इटारसी में स्थित है।
- एमपी एग्रो मोरार जी फर्टिलाईजर संयंत्र, होशंगाबाद में और युवा नेतृत्व एवं ग्रामीण विकास संस्थान पचमढ़ी में स्थित है।
- बाबई, औद्योगिक क्षेत्र पोहा और दाल क्लस्टर के लिये प्रसिद्ध है।
- भारतीय साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म बाबई होशंगाबाद में हुआ था।
हरदा जिला-
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में हरदा एक विष्शिट स्थान रखता है। यह हरदा, खिरकिया और टिमरनी तहसीलों को मिलाकर 1998 ई में जिला बनाया गया था।
- तेली की सराय और हांडिया नामक प्रसिद्ध स्थल यहां पर स्थित हैं।
- 1916 में बालगंगाधर तिलक और 1933 में महात्मा गांधी जी ने हरदा जिले की यात्रा की थी।
- टिमरनी तहसील के सोडलपुर गांव में प्रसिद्ध काना बाबा का मेला प्रतिवर्ष यहां लगता है।
- रिद्धनाथ का मंदिर, हांडिया, हरदा में स्थित है।
- यह मध्यप्रदेश का दूसरा छोटा जिला है, यह नर्मदा नदी घाटी में स्थित है।
बैतूल जिला-
- सारणी/सतपुड़ा ताप विद्युत परियोजना मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित है।
- बैतूल जिले के मुल्ताई से ताप्ती नदी का उद्गम होता है।
- बैतूल के मक्तागिरी में प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है, जहां जैन धर्म के 56 मंदिर स्थित हैं।
- महिला एवं बाल विकास संस्थान बैतूल में स्थित है।
- यहां भालूओं का संरक्षण कालीभीत अभयारण्य में किया जा रहा है।
- कॉफी के उत्पादन में कुकरू और ग्रेफाईट खनिज के उत्पादन में बैतूल प्रसिद्ध है।
- मुक्तागिरी जलप्रपात, बैतूल में स्थित है।
- सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, मढ़ई में स्थित है।
- आदिरंग लोकनृत्य बैतूल का प्रसिद्ध नृत्य है।
प्रसिद्ध स्थल-
पचमढ़ी
प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा पहाड़ी पर स्थित है। पचमढ़ी का शाब्दिक अर्थ है- पांच कुटियां।
- यह पाण्डवों का वनवास स्थल भी रहा है।
- यह पर्यटकों का स्वर्ग के नाम से भी जाना जाता है।
- पचमढ़ी की खोज कैप्टन जे. फोरसोथ ने प्रियदर्शनी प्वाइण्ट नामक स्थान से की थी।
- अप्सरा विहार, धूपगढ़, जटाशंकर और चौरागढ़ का मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं।
- इसे सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है।
- मध्यप्रदेश का उच्चतम बिंदु, धूपगढ़, 1352 मीटर ऊंचा, यहीं स्थित है।
- हांडी खोह, यह पचमढ़ी की सबसे गहरी खाई है, जो कि 300 फीट गहरी है।
