Transport in MP । मध्‍यप्रदेश में परिवहन । MP Transport

परिवहन से आशय ‘वस्‍तुओं और यात्रियों’ को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक लाने एवं ले जाने से है। अर्थात् वस्‍तुओं एवं सेवाओं का विभिन्‍न माध्‍यमों से स्‍थानांतरण, परिवहन कहलाता है। परिवहन, जनमानस के साथ-साथ व्‍यापार के विकास में महत्‍वूपर्ण भूमिका निभाता है। हम Transport in MP के बारे में विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करा रहे है, जो मध्‍यप्रदेश की परीक्षाओं के नजरिये से अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण है।

Transport in MP

मध्‍यप्रदेश में परिवहन के प्रमुख साधन निम्‍नलिखित हैं-

  1. सड़क परिवहन 
  2. रेल परिवहन 
  3. हवाई परिवहन

सड़क परिवहन

  • मध्‍यप्रदेश में सबसे अधिक सड़कों का घनत्‍व सतना जिले में तथा सबसे कम सड़कों का घनत्‍व श्‍योपुर जिले में है।
  • मध्‍यप्रदेश में म.प्र. रोड कार्पोशन’ का शुभारम्‍भ 01 जून 1962 को हुआ था जो कि अधिक न चल सका और 31 दिसम्‍बर 2002 को बंद कर दिया गया।
  • प्रदेश का सबसे लम्‍बा सड़का पुल ‘तवा ब्रिज’ है, जो कि होशंगाबाद जिले में तवा नदी पर स्थित है।

मध्‍यप्रदेश में ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ का प्रारम्‍भ 25 दिसम्‍बर 2000 को हुआ। जिसका उद्देशय- पहाड़ी इलाके वाले गांवों में आवादी 250 से अधिक है और गांव, मुख्‍य सड़क से  2.5 किमी की दूरी पर है, तो गांवों को मुख्‍य सड़क से जोड़ना। समतल जमीन वाले गांवों की आवादी 500 से अधिक होना चाहिये तथा गांव मुख्‍य सड़क से 2.5 किमी की दूरी पर होना चाहिये।

Transport in MP के तहत ‘मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना’ का शुभारंभ राज्‍य में 2011 में हुआ।

सड़कें- मध्‍यपदेश में मुख्‍यत: चार प्रकार की सड़कें पाईं जाती हैं-

  1. नेशनल हाइवे
  2. स्‍टेट हाइवे
  3. जिला सड़कें
  4. ग्रामीण सड़कें

नेशनल हाइवे

  • इसका निर्माण और रखरखाव ‘नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इण्डिया’ द्वारा किया जाता है।
  • इसका प्रारंम्‍भ 1988 ई. में किया गया। इसका मुख्‍यालय ‘दिल्‍ली ‘ में स्थित है।
  • मध्‍यप्रदेश में कुल 44 नेशनल हाइवे पास होते हैं, जिनकी कुल लम्‍बाई 8772 किमी है।
  • मध्‍यप्रदेश का सबसे लम्‍बा नेशनल हाइवे, एनएच-46 (634)  है, दूसरा सबसे लम्‍बा एनएच-44 (511) है। सबसे छोटा एनएच 339-बी (9 किमी) बमीठा से खजुराहो है।
  • नेशनल हाइवे का जो नंबर दिया जाता है, वह दो प्रकार से दिया जाता है। जैसे-
    1. वर्टीकल- सम सख्‍ंया से, एनएच 30, 34, 44, 46, एवं 52 ।
    2. होरिजोंटल- विषम संख्‍या से, एनएच 27, 39, 43, 45 एवं 47 ।

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क्र.नेशनल हाइवेविवरण
1एनएच- 30यूपी के सितारगंज से रीवा, कटनी, जबलपुर होते हुए छत्‍तीसगढ़ के चिल्‍पी तक जाता है।
2एनएच-34उत्‍तराखण्‍ड के गंगोत्री से झांसी, छतरपुर, दमोह, जबलपुर से होते हुए सिवनी तक जाता है।
3एनएच-44इसे उत्‍तर-दक्षिण गलियारा कहा जाता है। यह श्रीनगर से शुरू होकर मुरैना, ग्‍वालियर, दतिया, झांसी, सागर, नरसिंहपुर, सिवनी होते हुए कन्‍याकुमारी तक जाता है।
4एनएच-46 मध्‍यप्रदेश का सबसे बड़ा राष्‍ट्रीय राजमार्ग। यह ग्‍वालियर से प्रारम्‍भ होकर शिवपुरी, गुना, भोपाल, होशंगाबाद होते हुए बैतूल तक जाता है।
5एनएच- 52यह पंजाब के संगरूर से प्रांरभ होकर जयपुर,  कोटा, राजगढ, व्‍यावरा, देवास, इंदौर, धार, बडवानी होते हुए हुबली(कर्नाटक) तक जाता है।
6एनएच-27इसे पूर्व-पश्चिम गलियारा के नाम से जाना जाता है। यह देश का सबसे लंबा राष्‍ट्रीय राजमार्ग है। यह म.प्र. के एकमात्र जिला शिवपुरी से होकर गुजरता है। यह गुजरात के परोबंदर से प्रांरभ होकर असमे के सिलचर तक जाता है।
7एनएच- 39यह उ.प्र. के झांसी से प्रारंभ होकर छतरपुर, पन्‍ना, सतना, रीवा, सीधी से होते हुए झारखण्‍ड के रांची तक जाता है।
8एनएच- 43यह छत्‍तीसगढ़ के गुलगंज से प्रारंभ होकर कटनी, उमरिया, शहडोल से होते हुऐ झारखंड में चाईबासा तक जाता है।
9एनएच- 45यह राज्‍य के औबेदुल्‍लागंज, रायसेन जिले से प्रांरभ होकर जबलपुर होते हुए छत्‍तीसगढ के बिलासपुर तक जाता है।
10एनएच- 47यह अ‍हमदाबाद से प्रारंभ होकर झाबुआ, धार, इन्‍दौर, हरदा व बैतूल होते हुए महाराष्‍ट्र में नागपुर तक जाता है।

स्‍टेट हाइवे

  • इनका निर्माण व रखरखाव राज्‍य सरकार द्वारा किया जाता है।
  • प्रदेश की कुल सड़कों में इस प्रकार की सड़कों का प्रतिशत 11.1 है।
  • सबसे लम्‍बा स्‍टेट हाइवे एसएच- 22 है, जो कि खाटेगांव से प्रारंभ होकर अमरकंटक तक जाता है।
  • मध्‍यप्रदेश का सबसे छोटा स्‍टेट हाइवे एसएच- 39 ए है जो कि झाबुआ से रतलाम तक जाता है।

जिला सड़कें

  • इन सड़को का विकास व रखरखाव राज्‍य सरकार द्वारा किया जाता है।
  • वर्ष 2015-16 के आंकडों के अनुसार मध्‍यप्रदेश में जिला सड़कों की कुल लंबाई 19420 किमी है। जिला सड़के राज्‍य के कुल रोडवेज का 22.6 प्रतिशत हैं।

ग्रामीण सड़कें

  • राज्‍य में ग्रामीण सड़कों का विकास प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत किया जाता है।
  • ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 26482 किमी है। जो कि राज्‍य की कुल सड़कों का 55.6 प्रतिशत है।
  • रेल परिवहन– हमारी देश में पहली रेल 1853 ई. में मुंबई से थाणे के बीच चली थी। मध्‍यप्रदेश में पहली रेलवे लाईन 1865 से 1878 ई. के बीच बिछाई गई थी, जब ब्रिटिश सरकार दिल्‍ली से मुबई के रेलवे मार्ग को जोड़ने का कार्य कर रही थी।
  • मध्‍यप्रदेश का पहला कार्यात्‍मक रेलमार्ग 1867 ई. में जबलपुर से प्रयागराज उ.प्र. था।
  • भारत में कुल रेलवे जोन 17 हैं, जिसमें से मध्‍यप्रदेश में केवल 01 जोन ‘पश्चिम मध्‍य रेलवे’ है, जिसे 01 अप्रैल 2003 को स्‍थापित किया गया था।
  • ‘रतलाम’ मध्‍यप्रदेश का डायमंड क्रासिंग रेलवे स्‍टेशन है।
  • ‘इटारसी’ मध्‍यप्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे जंक्‍शन है।
  • रेलवे कोच फैक्‍ट्री भोपाल के निशांत पुरा में स्थित है।
  • ‘रेलवे स्‍लीपर फैक्‍ट्री’ सीहोर जिले के बुधनी में स्थित है।

‘हबीबगंज स्‍टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्‍टेशन कर दिया गया, जिसका निर्माण पीपीपी मॉडल पर बसंल ग्रुप ने किया ।‘

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हवाई मार्ग

मध्‍यप्रदेश में हवाई सेवा का शुभारम्‍भ 1927 ई. में इंदौर से ग्‍वालियर के मध्‍य किया गया था। राज्‍य में औद्योगिक गतिविधियां कम होने के कारण यहा नागरिक उड्डयन का विकास सीमित है।मध्‍यप्रदेश में 05 कार्यात्‍मक हवाई अडडे भोपाल, इंदौर, ग्‍वालियर, जबलपुर एवं खजुराहो है।राज्‍य में हवाई पटिटयों की संख्‍या 24 है। जबकि एक हवाई पट्टी कान्‍हा नेशनल पार्क में स्थित है।डिफेन्‍स रनवे ग्‍वालियर के टेकनपुर में स्थित है।ध्‍यप्रदेश के दो अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे- राजा भोज अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा, भोपाल और देवी अहिल्‍याबाई अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा, इंदौर में स्थित है।

और अधिक पढ़ें- मध्‍यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्‍थल।

मध्‍यप्रदेश परिवहन से सं‍बंधित और अधिक जानकारी के लिये सरकारी बेबसाइट mptransport.org पर विजिट करें।

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