उत्तराखण्ड के सभी छात्र जो UKPSC Pre Exam 2022 की परीक्षा पास करना चाहते हैं तो उन्हें UKPSC Pre Syllabus and Exam Pattern 2022 जानकारी होने से आपको परीक्षा के लिये कुशलतापूर्वक तैयारी करने मे सहायता मिलती है।
UKPSC Pre Syllabus 2022 के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में 2:00 घण्टे की अवधि के 2 अनिवार्य प्रश्नपत्र होंगे। दोनो प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय होंगे। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर में 4 विकल्प होंगे, जिनमें से सही उत्तर की पहचान करनी होगी ।
UKPSC Prelims Exam Pattern 2022
क्र. | विषय | अवधि | अंक |
प्रथम प्रश्न पत्र | सामान्य अध्ययन | 2 घंटे | 150 |
द्वितीय प्रश्न पत्र | सामान्य अभिरूचि परीक्षण | 2 घंटे | 150 |
प्रश्न पत्र – प्रथम (भाग-1)
भारत का इतिहास, संस्कृति एवं राष्ट्रीय आंदोलन
प्रागैतिहासिक काल– हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभ्यता और संगम युग, महाजनपद और मगध का उत्कर्ष, धार्मिक आंदोलन– जैन धर्म, बौद्ध धर्म, भागवत एवं शैव मत, पारसी एवं यूनानी संपर्क और संबंधित अन्य पहलू।
मौर्य साम्राज्य– चन्द्रगुपत मौर्य, अशोक और उसका धम्म, मौर्यकालीन प्रशासन, अर्थव्यवस्था, समाज एवं कला, कुषाण और संबंधित अन्य पहलू।
गुप्त साम्राज्य– स्थापना, सुदृढ़ीकरण एवं पतन, चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय, स्कन्दगुपत, गुप्तकालीन प्रशासन, समाज, अर्थव्यवस्था, साहित्य एवं कला और संबधित अन्य पहलू।
उत्तर गुप्त काल– हर्षवर्द्धन, पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट, चोल, पल्लव, चन्देल, परमार, चौहान, 650 ई. से 1200 ई. के मध्य सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास और संबधित अन्य पहलू।
भारत में इस्लाम का आगमन- इल्तुतमिश, बलबन, अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद बिन तुगलक, फिरोज तुगलक, सिकन्दर लोदी और इब्राहिम लोदी, दिल्ली सल्तनतकालीन प्रशासन, दिल्ली सल्तनत के पतन के कारण: समाज और अर्थव्यवस्था, इडो-इस्लामिक वास्तुकला, विजयनगर साम्राज्य, सूफीमत और भक्ति आंदोलन और संबधित अन्य पहलू।
मुगल साम्राज्य– बाबर, शेरशाह सूरी, अकबर शहजहां, औरंगजेब और मुगल साम्राज्य का पतन, मुगल प्रशासन, जागीरदारी एवं मनसबदारी व्यवस्थएं, मुगलकालीन समाज और अर्थव्यवस्था, साहित्य कला एवं स्थापत्य, मराठा, सिख एवं जाट और अन्य संबधित अन्य पहलू।
यूरोपियों का आगमन- पुर्तगाजी, डच और फ्रांसीसी, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी और ब्रिटिश शासन (1758-1857)।
ब्रिटिश शासन के आर्थिक प्रभाव और संबंधित अन्य पहलू। 19वीं सदी क सामाजिक, धार्मिक सुधार आन्दोलन और संबंधित अन्य पहलू।
भारत के वाइसराय(1858-1947)
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857), 19वीं और बीसवीं सदी के गैर आदिवासी, आदिवासी, जातीय एवं किसान आंदोलन, 1857 के बाद का ब्रिटिश शासन, भारत सरकार अधिनियम (1858)।
1858 ई. के बाद की प्रशासनिक, सामाजिक एवं न्यायिक प्रणाल- प्रशासनिक, शिक्षा एवं न्यायिक सुधार।
भारत में राष्ट्रवाद का विकास, राष्ट्रीय आंदोलन का उदय–
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस– उद्गम, उदारवादी एवं अतिवादी दल। बंगाल का विभाजन, स्वदेशी आंदोलन, मुस्लिम लीग की स्थापना, सूरत अधिवेशन एवं कांग्रेस का विभाजन (1907), मार्ले-मिण्टो सुधार (1909)
प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रीय आंदोलन– होमरूल आंदोलन, लखनऊ समझौता(1916), 1917 की अगस्त घोषण, क्रांतिकारी आंदोलन, गांधी युग (भारत एवं विदेश में क्रांतिकारी आंदोलन, भारत सरकार अधिनियम(1919), रौलेट एक्ट अधिनियम(1919), जलियावाला बाग नरसंहार(13 अप्रैल 1919) खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चौरीचौरा की घटना, स्वराज पार्टी, साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट, जिन्ना के 14 सूत्र, कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन, सविनय उवज्ञा आंदोलन, प्रथम गोलमेज सम्मेलन, गांधी इरविन समझौता, द्वितीय एवं तृतीय गोलमेज सम्मेलन, कम्यूनल अवार्ड एवं पूना समझौता।
भारत सरकार अधिनियम (1935)- पाकिस्तान की मांग, क्रिप्स मिशन, भारत छोडो आंदोलन, कैबिनेट मिशन योजना, आजाद हिन्द फौज, अंतरिम सरकार, माउण्टबेटन योजना, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम(1947), भारत का विभाजन, आजादी के बाद का भारत, नवीन क्रियाकलाप एवं सम्बन्धित संगठन और संबधित अन्य पहलू।
उत्तराखण्ड का इतिहास एवं संस्कृति-
- प्रागैतिहासिक काल
- आद्य ऐतिहासिक काल
- उत्तराखण्ड की प्राचीन जनजातियां
- कुणिन्द एवं यौधेय
- कार्तिकेयपुर राजवंश
- कत्युरी राजवंश
- गढ़वाल का परमार राजवंश, कुमाऊ का चंद राजवंश।
- गोरखा आक्रमण एवं शासन
- ब्रिटिश शासन
- टिहरी रियासत
- उत्तराखण्ड में स्वतंत्रता संघर्ष– 1857, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में उत्तराखण्ड का योगदान, उत्तराखण्ड के जनआंदोलन ।
UKPSC Pre Syllabus 2022 (भाग-2)
भारत एवं विश्व का भूगोल
विश्व का भूगोल: विविध शाखाएं, पृथ्वी एवं सौरमण्डल, अक्षांश एवं देशांतर, समय, परिभ्रमण, परिक्रमण, ग्रहण, महाद्वीप, पर्वत, पठार, मैदान, जलमंडल, झीलें एवं चट्टान, वायुमण्डल की परतें, संरचना, सौर्यताप, आर्द्रता, महासागरीय नितल की बनावट धाराएं, ज्वार-भाटा, तापमान एवं खरापन, कृषि, पौधे, जन्तु, पशुपालन, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन, उद्योग, जनसंख्या, प्रजातियां एवं जनजातियां, प्रवास, परिवहन, संचार, अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएं, पर्यावरण एवं विश्व व्यापार (क्षेत्रीय आर्थिक गुट) भौगोलिक शब्दावली और और अन्य पहलू।
भारत का भूगोल- भौगोलिक परिचय, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, अपवाह प्रणाली, वनस्पति, पौधे, जन्तु, पशुपालन, मिटटी, जल संसाधन, सिंचाई, बिजली, कृषि, खनिज, उद्योग, जनसंख्या एवं नगरकरण, परिवहन, संचार, संचार तंत्र, विदेशी व्यापार, अनुसूचित जाति एवं जनजातियां, सामाजिक परिस्थितियां, अधिवास एवं प्रदूषण और संबधित अन्य पहलू।
उत्तराखण्ड का भूगोल- भौगोलिक अवस्थिति, भू-आकृति एवं सरंचना, जलवायु, जल प्रवाह तंत्र, वनस्पति, सिंचाई, मुख्य नगर, पर्यटन स्थल, जनसंख्या, अनुसूचित जाति एवं जनजातियां, परिवहन तंत्र, ऊर्जा संसाधन एवं औद्योगिक विकास, प्राकृतिक आपदांए और संबधित अन्य पहलू।
UKPSC Pre Syllabus 2022 (भाग-3)
भारतीय राजव्यवस्था
- संसदीय प्रणाली
- गठबंधन की राजनीति
- क्षेत्रवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद और नक्सलवाद।
- कल्याण: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग और अल्पसंख्यक ।
- लिंग राजनीति: समानता आरक्षण, अधिकारिता, कल्याण और सुरक्षा, सुरक्षा के उपाय।
- भारत में चुनाव सुधार।
- शासन : संस्थान और प्रक्रिया।
- राष्ट्रीय एकता ।
- भारत की नाभिकीय नीति।
- पर्यावरणीय समस्याएं।
- आर्थिक और वित्तीय सुधार: उदारीकरण, निजिीकरण और वैश्विकरण और राजनीति तथा शासन पर इसके प्रभाव, आयोजना तंत्र तथा आयोजना की प्रक्रिया और बैंकिग क्षेत्र।
- भारत में संस्थागत सुधार अर्थात् एमएनआरईजीए, एनआरएचएम, जेएनएनयूआरएम आदि, सार्वजनिक निजी भागीदारी के तरीके।
- देश की राजनीति और प्रशासनिक प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी।
- सिविल सोसायटी।
- लोकपाल और लोकायुक्त।
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य-
- संयुक्त राष्ट्र।
- अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं।
- वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय समस्याएं।
- सार्क, आसियान, और साफटा एवं अन्य क्षेत्रीय गुट ।
- विश्व के बड़े मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण, निरस्त्रीकरण, मानवाधिकार और वैश्विकता।
- ब्रिक्स और भारत के लिए इसका महत्व।
भारत का संविधान-
- भारत का संविधानात्मक विकास।
- संवैधानिक सभा।
- उद्देशिका ।
- भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं।
- मौलिक अधिकार एवं मूल कर्तव्य।
- राज्य के नीति के निदेशक सिद्धांत।
- संवैधानिक संशोधन प्रणाली और महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन।
- भारत में शासन की संघीय और संसदीय प्रणाली।
- संसदीय समितियॉ– लोक लेखा समिति, आकलन समिति और संयुक्त संसदीय समिति।
- संवैधानिक निकाय: चुनाव आयोग, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक।
- न्यायपालिका: उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय।
UKPSC Pre Syllabus 2022 में भारतीय राजनीति-
- संघीय कार्यपालिका: राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद्, राज्य सचिवालय और मुख्य सचिव।
- भारत में संसद और राज्य विधानसभा।
- चुनाव तंत्र और प्रक्रिया।
- चुनाव तंत्र और प्रक्रिया।
- राजनीतिक दल और दबाव समूह।
- राजनीतिज्ञों और सरकारी सेवकों के संबंध।
- भारत में राजनीतिक संस्कृति का विकास ।
- राजनीतिक समाजीकरण की एजेंसियां।
- भारत में प्रशासकि प्रणाली का मूल्यांकन और विकास।
- भारत के राज्यों का पुनर्गठन।
- संघ राज्य क्षेत्रों और अन्य विनिर्दिष्टों राज्यों और क्षेत्रों का प्रशासन।
- प्रशासनिक सुधार ।
- जिला प्रशासन ।
पंचायती राज-
- स्थानीय शासन: 73वां और 74वां संविधान संशोधन अधिनियम।
- राज्य वित्त आयोग: कार्य एवं भूमिका।
- स्थानीय निकायों को अधिकार देना।
- भारत में स्थानीय निकाय, नगरनिगम, नगर परिषद, ग्राम पंचायत ।
लोकनीति-
- सुशासन: सिटीजन चार्टर और ई-गवर्नेंस।
- भ्रष्टाचार का निवारण और लोकपाल तथा लोकायुक्त।
- सूचना का अधिकार। शिक्षा का अधिकार।
- सेवा का अधिकार।
अधिकारों से संबंधित मुद्दे-
- मौलिक अधिकार।
- नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955।
- भारत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दे, महिला और बाल तथा बुजुर्गों के संरक्षण से संबंधित विभिन्न अधिकार।
उत्तराखण्ड की राज व्यवस्था-
शासन प्रणाली, राज्यपाल, विधायिका, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, केन्द्र राज्य संबंध, लोक सेवाएं, लोक सेवा आयोग, लेखा-परीक्षण, महान्यायवादी, उच्च, न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों से सम्बन्धित प्रावधान, राजभाषा, विशेष राज्य के चयन के मापदण्ड, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनैतिक दल एवं निर्वाचन, स्थानीय शासन एवं पंचायती राज, सामुदायिक विकास, लोकनीति, अधिकार सम्बंधी मुद्दे (शिक्षा, रोजगार, विकास आदि), सुशासन (भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेंस, सूचना का अधिकार, समाधान योजना आदि।
UKPSC Pre Syllabus 2022 (भाग- 4)
आर्थिक एवं सामाजिक विकास
राष्ट्रीय –
- आर्थिक नीति: भारत में आर्थिक सुधार, उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, मुद्रास्फीति, समाहिक प्रगति, आर्थिक विकास बनाम पर्यावरणीय संरक्षण।
- गरीबी और बेरोजगारी के उन्मूलन संबंधी कार्यक्रम, मानव विकास सूचकांक (एचडीआई)
- जनगणना एवं भारत की जनसंख्या की प्रमुख विशेषताएं। आर्थिक विकास और जनसंख्या। नगरीकरण से संबंधित मुद्दे।
- केन्द्रीय बजट की मुख्य विशेषताएं।
- भारत की अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं।
- भारत के प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार, वाणिजय, उद्योग, योजनाएं एवं परियोजनाएं तथा आर्थिक विकास की दिशा।
- कर सुधार एवं बैकिंग व्यवसाय।
- योजनागत विकास।
- राष्ट्रीय विकास परिषद।
- राष्ट्रीय आय।
- भारतीय कृषि (कृषि, उत्पादकता, पशुधान, हरित क्रान्ति, खाद्य सुरक्षा, खाद्यान मूल्य, बफर स्टाक, कृषि नीति, कृषि/बीज बीमा योजना।
- भारतीय वित्तीय/मुद्रा/पूजं/प्रतिभूति बाजार।
- बीमा क्षेत्र, कर संरचना, लोक वित्तीय एवं राजकोषीय नीति।
- अवधारणाएं– व्यावर्ती योजना, स्वीट शेयर, हवाला, गिल्ट एज बाजार, काला बाजार, काला धन इत्यादि।
अंतराष्ट्रीय –
- विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा निधि, विश्व बैंक, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ, दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार करार, व्रिक्स, ओपेक एवं अन्य क्षेत्रीय आर्थिक एवं वाणिज्यिक संगठन।
- पूंजी का अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी।
- विदेशी मुद्रा विनयिम अधिनियम (फेरा), प्रिवैंशन ऑफ मनी लैंडरिंग एक्ट (पीएमएलए)।
- विश्व मानव सूचकांक।
- पारिभाषिक शब्दावली।
उत्तराखण्ड-
अर्थवयवस्था एवं बजट की मुख्य विशेंषताएं, प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार वाणिज्य, उद्योग, योजनांए एवं परियोजनाएं, कर/आर्थिक सुधार, योजनागत विकास, कृषि, पशुधन, खाद्यान सुरक्षा, लोकवित्त, राजकोषीय नीति, जनगणना, मानव विकास सूचकांक, पर्यटन, जड़ी-बूटी एवं संस्कृति का आर्थिक विकास में योगदान और संबंधित अन्य पहलू।
UKPSC Pre Syllabus 2022 (भाग-5)
सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी: इतिहास और योगदान
समसामयिकी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान, पुरस्कार, खोज, अन्वेषण, विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन, सौर प्रौद्योगिकी, मानव कल्याण, स्वास्थ्य और औषध के लिये नई प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग, पर्यावरणीय जागरूकता, प्राकृतिक जैव संसाधन आदि।
राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं अनुसंधान विषयक अन्य संगठन- आईयूसीएन, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, आईपीसीसी, डब्ल्यचूएचओ, येनेस्को आदि।
सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक जीवन में कम्प्यूटरों का अनुप्रयोग, ई-गवर्नेंस आदि।
पारिस्थिति और पर्यावरण- पर्यावास, सामुदायिक पर्यावरणीय प्रणाली, संरचनात्यमक कार्य और अनुकूलन, वनस्पतियां एवं उनका वर्गीकरण, परम्परागत खेती, वाणिज्यिक कृषि एवं कृषि का वाणिज्यिकरण, कृषिा फसलों का उत्पादन एवं उनका क्षेत्रीय वितरण, कृषिा समस्याएं, कृषिक विविधता आदि।
प्राकृतिक संसाधन– मृदा, जल, वायु, वन, घासभूमि, आर्द्र भूमि, समुद्रीय, नवीनीकरण और गैर नवीनीय ऊर्जा संसाधनों की योजना और प्रबंधन।
जैव विविधता– जोखिम और संरक्षण, आचारनीति और उपयोग।
पर्यावरणीय संकट- वायु, जल, मृदा और अंतरिक्ष प्रदूषण, नियम और अधिनियम, भूमंडलीय ऊष्मता।
भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन– कारण और प्रभाव।
सुदूर संवेदन की अवधारणा और जीआईएस अनुप्रयोग।
मौसम पूर्वानुमान।
स्प्रैडशीट (विस्तारण) का अनुप्रयोग और आधार आकंडों का अनुप्रयोग।
भौतिकी-
कम्प्यूटर और सूचना प्रक्रमण के सिद्धांत, मौलिक कम्प्यूटर संगठन, बूलियन बीजगणित, लॉजिक गेट्स, समस्या समाधान तकनीकें और कम्यूटर भाषाएं, व्यापारिक आंकडा प्रक्रमण, आंकडा सम्प्रेषण और कम्प्यूटर नेटवर्क और सुरक्षा, इंटरनेट और मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों का उपयोग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, पीसी का अनुप्रयोग, साफटवेयर पैकज्, साईबर अधिनियम के मूलभूत तत्व आदि।
पदार्थ एवं इसकी अवस्थाएं– अम्ल, आधार रूप और लवण, तत्वों का उद्गम और वितरण, भारी और हल्का पानी, सघन पानी, शुद्धिकरण, बैट्रियां, ईधन सैल, विनाषन, विखंडन और संलयन, समानता के तत्व, पोलिमर्स, कार्बोहाइड्रेटस प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, लिपिड, हार्मोंस, विटामिन, औषध और स्वास्थ्य देखभाल, डाईज, कास्म्ेटिक, खाद्य रसायन-विज्ञान आदि।
यांत्रिकी, पदार्थ की सामान्य विशेषताएं, तरंग गति, ध्वनि और इलैक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे, ऊष्मा, प्रकाश।
चुम्बकत्व, विद्युत, परमाणु और नाभिकीय भौतिकी, खगोल विद्या और अंतरिक्ष भौतिकी, एक्स-रे और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी आदि।
जीव विज्ञान-
शाखाएं, योगदान, प्राकृतिक संसाधन और उनका प्रबंधन। जैव-विविधता, जैव-प्रौद्योगिकी, अतिसूक्ष्म, प्रौद्योगिकी, जैव उत्पाद, टीके, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, आनुवांशिक रूप से अशेधित जीवधारी, भूमंडलीय ऊष्मता और जलवायु परिवर्तन, पशुपालन, पादप और मानव कल्याण आदि।
वैज्ञानिक पारिभाषिक शब्दावली।
उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधन और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन आदि में उनका योगदान आदि।
UKPSC Pre Syllabus 2022 (भाग- 6)
राज्य, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं-
महाद्वीप एवं विश्व के देश, विश्व अंतरिक्ष की महत्वपूर्ण घटनाएं, विश्व के आश्चार्य, विश्व के धर्म, भारतीय राज्य, विश्व / भारत की प्रसिद्ध पुस्तकें एवं उनके लेखक, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रमुख पुरस्कार, भारतीय रक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वैज्ञानिक तथा तकनीकि विकास, शिक्षा, राष्ट्रीय प्रतीक, भारत में वरीयता अनुक्रम, विश्व/भारत के प्रमुख मानव अधिकार एवं कल्याण संगठन, प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, प्रमुख दर्रे, भारत के नृत्य, सांस्कृतिक संस्थान, संगीत, चित्रकला, भारतीय भाषाएं, विश्व धरोहर स्थल, प्रमुख समाचार पत्र, महत्वपूर्ण तिथियां, खेल परिदृश्य, मुख्य खेल तथा खेलों से संबधित शब्दावली, सम्मेलन/प्रदर्शनी, महोत्सव/ कांफ्रेंस, प्रमुख रिपोर्ट और संबधित अन्य पहलू।